टीआरपी डेस्क। क्या आप भी यूट्यूब पर वीडियो देखने के दौरान ऐड ब्लॉकर का इस्तेमाल करते हैं। यूट्यूब वीडियो देखने के दौरान आपको भी अपनी स्क्रीन पर कुछ इस तरह मैसेज आया होगा कि आप ऐड ब्लॉकर के साथ वीडियो नहीं देख सकते हैं।

अगर हां तो ये खबर आपके काम की हो सकती है। दरअसल, यूट्यूब पर अपने यूजर की इस तरह निगरानी रखने को लेकर केस फाइल हो चुका है। यूट्यूब की इस निगरानी को गैरकानूनी माना गया है।

क्या है पूरा मामला

दरअसल, मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो आयरिश डेटा संरक्षण आयोग में Alexander Hanff नाम के गोपनीयता सलाहकार ने इस शिकायत को दर्ज करवाया है। यूजर के डिवाइस पर ऐड ब्लॉकर को डिटेक्ट करने के तरीके को लेकर यूट्यूब से पूछताछ की जा सकती है।

मालूम हो कि ऐड ब्लॉकर लगे होने की स्थिति में यूट्यूब यूजर को ऐड्स के साथ वीडियो देखने की सलाह मिलती है। इसी के साथ यूजर्स को प्रीमियम सर्विस लेने को भी कहा जाता है।

यूट्यूब रख रहा यूजर पर निगरानी

रिपोर्ट्स की मानें तो शिकायतकर्ता Alexander Hanff ऐड ब्लॉकर को ब्लॉक करने के इस तरीके को स्पाईवेयर मानते हैं। यूट्यूब बिना यूजर की जानकारी और परमिशन के साथ ऐसा कर रहा है।

यूट्यूब ऐड ब्लॉकर को ब्लॉक करने के साथ यूजर के ब्राउजर में उसकी एक्टिविटी पर नजर रखने का काम कर रहा है।

कंपनी द्वारा ऐसा सिर्फ इसलिए किया जा रहा है ताकि यूजर्स को प्रीमियम सर्विस लेने के लिए कहा जा सके। Alexander Hanff की मानें तो कंपनी का ऐसा करना किसी भी तरह से सही कदम नहीं माना जा सकता है।

यूट्यूब का क्या कहना है

ऐड ब्लॉकर को ब्लॉक करने पर यूट्यूब का अपना अलग मत है। यूट्यूब कम्युनिकेशन मैनेजर Christopher Lawton का कहना है कि यूजर द्वारा ऐड ब्लॉकर का इस्तेमाल प्लेटफॉर्म की टर्म्स और कंडीशन के खिलाफ है।

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