नयी दिल्ली। निर्वाचन आयोग ने ‘कदाचार’ और आचार संहिता के उल्लंघन के लिए तीन चुनाव पर्यवेक्षकों को ड्यूटी से हटा दिया। यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में तैनात दो सामान्य पर्यवेक्षकों और मिजोरम में एक व्यय पर्यवेक्षक के खिलाफ की गई है।

पूरे दिन शराब के नशे में रहते थे पर्यवेक्षक

दरअसल केंद्रीय चुनाव आयोग आम चुनावों में सभी जिलों में वरिष्ठ IAS अधिकारियों को पर्यवेक्षक के रूप में भेजता है ताकि उनकी नजर अचार संहिता का उल्लंघन करने वालों पर लगी रहे। मगर ऐसे पर्यवेक्षक ही अपनी जिम्मेदारियों से बचते हुए नियम-कायदों का उल्लंघन करने लगें तो फिर क्या कहने।

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में IAS अधिकारी लालतिनखुमा फ्रैंकलिन के स्थान पर एक अन्य आईएएस अधिकारी अनुराग पटेल को सामान्य पर्यवेक्षक के रूप में तैनात किया गया है। जिले के कलेक्टर ने शिकायत की थी कि पर्यवेक्षक पूरे दिन शराब के नशे में रहते हैं, और चुनाव में लगे अधिकारियों को दिशा-निर्देश देने की बजाय उन्हें चमकाते रहते हैं। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए निर्वाचन आयोग ने फ्रैंकलिन को तत्काल हटाने का आदेश जारी कर दिया।

इसी तरह IAS अधिकारी आर गिरीश मध्य प्रदेश के सिवनी मालवा और होशंगाबाद विधानसभा क्षेत्रों में सामान्य पर्यवेक्षक के रूप में तैनात आईएएस अधिकारी उदय नारायण दास की जगह लेंगे। उधर मिजोरम के लुंगलेई जिले में तैनात व्यय पर्यवेक्षक आईआरएस अधिकारी गौरव अवस्थी को हटा दिया गया है।

सेवा पुस्तिका में दर्ज होंगी शिकायतें

बताया जा रहा है कि पर्यवेक्षकों को ‘कदाचार’ और आचार संहिता के उल्लंघन के लिए हटाया गया है। इसे देखते हुए आयोग द्वारा उनकी सेवा पुस्तिकाओं में इसकी प्रविष्टि का भी आदेश दिया गया है।

बता दें कि चालीस सदस्यीय मिजोरम विधानसभा के लिए चुनाव सात नवंबर को हुए थे। छत्तीसगढ़ में शेष 70 सीट पर दूसरे चरण का मतदान 17 नवंबर को होगा। मध्य प्रदेश विधानसभा की 230 सीट के लिए भी 17 नवंबर को ही चुनाव होंगे।