इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर और पूर्व सीजेआई दीपक मिश्रा

इलाहाबाद। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर ने अपने रिटायरमेंट के मौके पर आयोजित विदाई भाषण में पूर्व सीजेआई दीपक मिश्रा पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, पूर्व सीजेआई दीपक मिश्रा के नेतृत्व वाले कॉलेजियम ने मुझे परेशान करने के इरादे से मेरा ट्रांसफर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट से इलाहाबाद हाईकोर्ट में किया था।

लाइव लॉ के अनुसार, जस्टिस दिवाकर ने कहा, ‘ ऐसा लगता है कि मेरा ट्रांसफर ऑर्डर मुझे परेशान करने के इरादे से जारी किया गया था।’ उन्‍होंने कहा, हालांकि, जैसा कि भाग्‍य ने चाहा, यह परेशानी मेरे लिए वरदान बन गई, क्‍योंकि मुझे मेरे साथी जजों और बार के साथियों की ओर से काफी प्‍यार, समर्थन और सहयोग मिला।’

‘सीजेआई चंद्रचूड़ का धन्‍यवाद’

जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर ने कहा, मैं अपने साथ हुए अन्याय को सुधारने के लिए वर्तमान सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ को धन्यवाद देना चाहता हूं। दरअसल, वर्तमान सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने ही इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के पद के लिए जस्टिस दिवाकर के नाम की सिफारिश की थी।

छत्तीसगढ़ HC के कार्यकाल का किया जिक्र

जस्टिस दिवाकर ने कहा, मैंने अक्टूबर 2018 तक छत्तीसगढ़ HC में जज के रूप में अपने कर्तव्यों को निभाया, लेकिन मेरे सामने अचानक एक घटना घटी जब पूर्व सीजेआई जस्टिस दीपक मिश्रा ने मुझ पर कुछ कारणों की वजह से अतिरिक्त स्नेह बरसाया, जिनके बारे में मुझे अब भी पता नहीं है। उन्होंने मेरा इलाहाबाद हाईकोर्ट में ट्रांसफर कर दिया जहां मैंने 3 अक्टूबर, 2018 को जिम्मा संभाला।

जस्टिस दिवाकर ने कहा, मुझे ऐसा लगता है कि मेरा ट्रांसफर ऑर्डर मुझे परेशान करने के गलत इरादे से जारी किया गया था, लेकिन सौभाग्य से यह अभिशाप वरदान में बदल गया क्योंकि मुझे मेरे साथी जजों और बार के सदस्यों से अपार समर्थन मिला। मैं वर्तमान सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ का बहुत आभारी हूं, जिन्होंने मेरे साथ हुए अन्याय को सुधारा।

इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय का बचाव

जस्टिस दिवाकर ने कहा कि सीमित संसाधन होने के बाद भी उन्‍होंने इलाहाबाद हाइकोर्ट को आगे बढ़ाने में कोई कसार नहीं छोड़ी। उन्‍होंने कहा, ‘ इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय में भारी काम को संभालना वाकई चुनौती थी।’ उन्‍होंने कहा कि बाहर रहकर इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय के काम करने के तरीके की आलोचना करने वालों को अंदर से इसका काम देखना चाहिए।

छत्तीसगढ़ HC में रहा लंबा कार्यकाल

जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर 1984 में मध्यप्रदेश बार कॉउन्सिल के सदस्य के रूप में नामांकित हुए। 31 मार्च 2009 में छत्‍तीसगढ़ उच्‍च न्‍यायालय के जज बने थे। वहां, करीब साढ़े आठ सालों तक सेवाएं देने के बाद 3 अक्‍टूबर 2018 को उनका तबादला इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय में कर दिया गया था। इसके बाद 13 फरवरी 2023 को उन्‍हें इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय का एक्टिंग मुख्‍य न्‍यायाधीश बनाया गया। 26 मार्च 2023 को उन्होंने इसी कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश की भूमिका संभाली।