कैनबरा। चीनी और आस्ट्रेलियाई नौसेनाओं के बीच हालिया टकराव के बाद चीन के एक अधिकारी ने आस्ट्रेलिया को चेतावनी दी कि वह दक्षिण चीन सागर में युद्धपोतों को तैनात करने के मामले में ‘बड़ी समझदारी’ से काम ले।

चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के अंतरराष्ट्रीय संपर्क विभाग के प्रमुख लियू जियानचाओ ने आस्ट्रेलिया की एक यात्रा के दौरान सिडनी विश्वविद्यालय में यह चेतावनी दी, जो राष्ट्रपति शी चिनफिंग की अगले साल होने वाली ऑस्ट्रेलियाई यात्रा का मार्ग प्रशस्त करेगी।

द्विपक्षीय संबंधों में हाल में सुधार हो रहा था, लेकिन इसमें उस वक्त गिरावट दर्ज की गयी, जब ऑस्ट्रेलिया ने चीनी विध्वंसक सीएनएस निंगबो पर 14 नवंबर को जापानी जल क्षेत्र में सोनार पल्स के साथ ऑस्ट्रेलियाई नौसेना के गोताखोरों को घायल करने का आरोप लगाया। ऑस्ट्रेलिया ने कहा कि चीन ने ऑस्ट्रेलियाई युद्धपोत एचएमएएस टूवूम्बा से दूर रहने की सुरक्षा चेतावनी की अनदेखी की।

लियू ने चीन का पक्ष दोहराते हुए कहा कि मुठभेड़ जापानी क्षेत्रीय जल के बाहर हुई और चीनी युद्धपोत ने कोई नुकसान नहीं पहुंचाया। लियू ने प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, सिडनी में कहा, ‘हम ऑस्ट्रेलियाई सरकार और (यहां की) सेना से भी इस क्षेत्र में बहुत विवेक से काम करने का आग्रह करते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर ऐसे मामलों का हल ठीक से नहीं किया गया तो छोटी सी घटना वास्तव में बढ़ सकती है।’’

अमेरिकी, कनाडाई और ऑस्ट्रेलियाई सेनाओं ने पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में चीनी नौसेना और वायुसेना की खतरनाक कार्रवाइयों के बारे में कई बार शिकायत की है। विश्लेषकों को डर है कि टकराव या अन्य दुर्घटना एक अंतरराष्ट्रीय घटना को जन्म दे सकती है और बड़े संघर्ष में तब्दील हो सकती है।