रायपुर। छत्तीसगढ़ के 90 सीटों के लिए 17 नवंबर को दूसरे चरण के मतदान के बाद विधानसभा का चुनाव संपन्न हो गया है। 3 दिसंबर यानि रविवार को मतगणना होगी और इसी दिन चुनाव के परिणाम घोषित किए जाएंगे। चुनाव प्रचार के लिए सभी पार्टी के प्रत्याशियों ने अपनी पूरी ताकत झोंकने के बाद अब चुनाव परिणाम का इंतजार कर रहे है। चुनाव प्रचार के बीच लोकलुभावन घोषणा पत्र जारी करने का सिलसिला भी जारी रहा जिसमें भाजपा, कांग्रेस सहित अन्य राजनीतिक पार्टियों ने घोषणा पत्र जारी कर आम जनता को बेहतर जिंदगी देने के वायदे किए हैं।

इस बार विधानसभा चुनाव में भाग्य आजमाने के लिए कई क्षेत्रों में निर्दलीय प्रत्याशी भी चुनाव मैदान में उतरे थे । उन्हीं में से एक निर्दलीय प्रत्याशियों ने राजनीतिक पार्टियों पर जमकर आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगा कर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में एक याचिका दायर कर विधानसभा चुनाव रद्द करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि आचार संहिता के बाद मतदाताओं को लुभाने के लिए की गई घोषणाएं नियमों का उल्लंघन है।

रायगढ़ के निर्दलीय प्रत्याशी राधेश्याम शर्मा ने दायर याचिका में कहा है कि चुनाव आयोग ने जिस दिन विधानसभा चुनाव 2023 की अधिसूचना जारी की, उसी दिन से आदर्श आचार संहिता लागू हो चुकी है। इसके बाद कांग्रेस-बीजेपी जैसे प्रमुख राजनीतिक दलों ने किसानों को कर्ज माफी, बेरोजगारों को रोजगार देने, महिलाओं को नगद राशि और मुफ्त गैस सिलेंडर देने की घोषणा कर मतदाताओं को प्रलोभन दिया है। यह चुनाव आयोग के दिशा निर्देशों का उल्लंघन है।

आचार संहिता लागू होने के बाद मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए इस तरह की घोषणाएं नहीं की जा सकती। याचिका में मांग की गई है कि भारत निर्वाचन आयोग तथा राज्य चुनाव आयुक्त को भी पद से हटाकर उनके खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाए साथ ही कांग्रेस और भाजपा की राजनीतिक दल की मान्यता रद्द की जाए। याचिका पर सुनवाई के संबंध में अभी कोई निर्णय कोर्ट ने नहीं लिया है।