नई दिल्ली। भारत के बैंकिंग क्षेत्र ने औपचारिक रूप से सभी शनिवार को आधिकारिक अवकाश के रूप में घोषित करने का प्रस्ताव दिया है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने शनिवार को संसद में इस बात की पुष्टि की।

पांच दिवसीय कार्य को लेकर मिला प्रस्तावः कराड़
इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (आईबीए) द्वारा पांच दिवसीय कार्य सप्ताह को लागू करने की मांग के बारे में पूछे जाने पर वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने कहा कि आईबीए ने इस संबंध में एक प्रस्ताव मिला है। 2015 के बाद से भारत में बैंकों ने हर महीने के दूसरे और अंतिम चौथे शनिवार को सार्वजनिक अवकाश मनाया है। सार्वजनिक बैंकों द्वारा पांच दिवसीय कार्य सप्ताह (हफ्ते में पांच दिन दफ्तर का काम) की मांग लंबे समय से की जा रही है।
15 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार देता है बैंक
आईबीए देश में बैंकों का बड़े पैमाने पर प्रतिनिधित्व करता है। इसमें सार्वजनिक और निजी बैंक, भारत में विदेशी बैंक, सहकारी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक और सभी भारतीय वित्त संस्थान शामिल हैं। बैंक क्षेत्र 15 लाख से अधिक लोगों को रोजगार देता है। हालांकि, वित्त मंत्रालय के जवाब में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि क्या प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया गया है या निकट भविष्य में इस पर विचार किया जा सकता है।
बढ़ेंगे कामकाज के घंटे
इसकी जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि यदि इसे मंजूरी मिल जाती है तो काम के घंटे बढ़ाने के साथ-साथ पांच दिवसीय कार्य सप्ताह में बदलाव किया जा सकता है। यदि प्रस्तावित बदलाव को लागू किया जाता है, तो यह बैंकिंग क्षेत्र के परिचालन को नया रूप देगा। इसका सीधा प्रभाव कर्मचारियों और ग्राहकों दोनों पर पड़ेगा।
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