कवर्धा। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के जरिये सत्ता का परिवर्तन हो गया है। हालांकि अभी सरकार का गठन नहीं हुआ है, मगर इसका असर नजर आने लगा है। राजधानी रायपुर सहित प्रदेश भर में शहरी सत्ता में जहां भी कांग्रेस पार्टी काबिज है वहां हलचल शुरू हो गई है। इसी कड़ी में कवर्धा जिले के पांडातराई नगर पंचायत में आज अविश्वास प्रस्ताव का आयोजन हुआ और इस दौरान हुए मतदान में यहां के अध्यक्ष फिरोज खान को कुर्सी से हाथ धोना पड़ा। अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 10 वोट और विपक्ष मे 5 वोट पड़े।

एक साल पहले भी हुआ था अविश्वास प्रस्ताव

पांडातराई नगर पंचायत में हुए चुनाव में कांग्रेस पार्टी का बहुमत रहा और इनके समर्थन से पार्षद फिरोज खान को अध्यक्ष बनाया गया था। बताया जा रहा है कि फिरोज खान का कार्यकाल काफी विवादास्पद रहा और उनके ऊपर भ्रष्टाचार के तमाम आरोप लगे। भाजपा पार्षदों ने इसी मुद्दे को लेकर साल भर पहले भी अविश्वास प्रस्ताव लाया था, मगर तब फिरोज खान बहुमत से अविश्वास प्रस्ताव जीत गए और अपनी कुर्सी बचा ली।

हाईकोर्ट की लेनी पड़ी शरण…

एक निश्चित समय सीमा के बाद भाजपा पार्षदों ने अध्यक्ष फिरोज खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया। इस बार कांग्रेस के कुछ पार्षद भी इनके साथ थे। मगर इनके अविश्वास प्रस्ताव के लिए जिला प्रशासन द्वारा सम्मलेन आयोजित करने की अनुमति नहीं दी जा रही थी। कहा जा रहा है कि सत्ता पक्ष के दबाव के चलते ऐसा किया जा रहा था। विलंब को देखते हुए पांडातराई नगर पंचायत के भाजपा पार्षद हाई कोर्ट की शरण में चले गए। सुनवाई के बाद कोर्ट ने प्रशासन को अविश्वास प्रस्ताव पर कार्यवाही करने का आदेश जारी किया।

कोर्ट के आदेश का भी उल्लंघन

दरअसल हाई कोर्ट द्वारा आदेश दिए जाने के बावजूद कवर्धा जिला प्रशासन द्वारा पांडातराई नगर पंचायत में अविश्वास प्रस्ताव के लिए सम्मलेन का आयोजन नहीं कराया जा रहा था। जिसके चलते भाजपा पार्षद दोबारा हाई कोर्ट की शरण में चले गए। यहां कोर्ट ने प्रशासन को जमकर फटकार लगाई और नगर पंचायत में विधि के अनुरूप अविश्वास प्रताव की कार्यवाही कराने का आदेश दिया।

आचार संहिता के बाद किया गया सम्मलेन

हाई कोर्ट के आदेश के बाद चूंकि प्रदेश में आचार संहिता लागू हो गई थी इसलिए विधानसभा चुनाव के संपन्न होने के ठीक बाद जिला प्रशासन द्वारा पार्षदों का सम्मलेन आयोजित किया गया। यहां सभी पार्षदों की मौजूदगी और अपर कलेक्टर इंद्रजीत बर्मन दिशा-निर्देश पर मतदान कराया गया जिसमें अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 10 वोट मिले वहीं अध्यक्ष फिरोज खान के पक्ष में 05 वोट पड़े। इस तरह 1 वोट से विपक्ष को जीत हासिल हुई।

परिणाम आने के बाद नगर पंचायत उपाध्यक्ष संतोष गोयल ने बताया की अध्यक्ष फिरोज खान पद मिलने के बाद से लगातार अपनी मनमानी कर रहे थे। उनके द्वारा अपने चहेते ठेकेदारों को काम देकर भ्रष्टाचार किया जा रहा था। जिससे भाजपा पार्षद और कांग्रेस के पार्षद भी नाराज थे। इसे लेकर संगठन से भी बात की गई मगर अध्यक्ष के रवैए में कोई बदलाव नहीं आया, जिसके चलते पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव लगाया और हमारी जीत हुई।

बता दें कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में कवर्धा जिले की दो सीटें कवर्धा और पंडरिया भी कांग्रेस ने गंवाई है। इनमें से कवर्धा की सीट पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर के कब्जे में थी।