
नई दिल्ली। Article 370: जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाने की संवैधानिक वैधता पर भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ (Chief Justice DY Chandrachud) की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ यह फैसला सुनाएगा। इस मामले में सुनवाई अगस्त में शुरू हुई थी और लगातार 16 दिनों की मैराथन सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 5 सितंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
Article 370: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कश्मीर क्षेत्र के आईजीपी वीके बिरदी ने रविवार को कहा कि शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने के लिए सुरक्षा के पर्याप्त इंतेजाम किए गए हैं। उन्होंने कहा कि घाटी में हर परिस्थिति में शांति बनाए रखने के लिए पूरी कौशिश की गई है। बता दें कि सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल, गोपाल सुब्रमण्यम, राजीव धवन, जफर शाह और दुष्यंत दवे समेत अन्य ने सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व किया है।
Article 370: अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे, राकेश द्विवेदी, वी गिरी और अन्य ने केंद्र की ओर से बहस की। जिसमें उन्होंने कहा कि आर्टिकल 370 के प्रावधानों को रद्द करने में कोई संवैधानिक धोखाधड़ी नहीं हुई है। मामले पर सुनवाई 2 अगस्त को शुरू हुई थी। याचिकाकर्ताओं ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र सरकार के फैसले की वैधता और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम की वैधता पर सवाल उठाए हैं।