टीआरपी डेस्क। उत्तर प्रदेश के पूर्व शिक्षा मंत्री राकेश धर त्रिपाठी के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति के मुकदमे में एमपी एमएलए की विशेष न्यायालय के न्यायाधीश डॉ. दिनेश चंद्र शुक्ल ने शनिवार को फैसला सुनाया।

विशेष कोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में पूर्व मंत्री राकेश धर त्रिपाठी को दोषी पाते हुए तीन वर्ष का कारावास और 10 लाख रुपए के अर्थ दंड के सजा से दंडित किया।

कोर्ट ने कहा कि अगर अर्थ दंड की राशि नही जमा की गई तो छह माह का अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी पड़ेगी। पिछले कई माह से प्रतिदिन विचाराधीन मुकदमे की सुनवाई हो रही थी।

राम सुभग राम ने राकेश धर के विरुद्ध थाना मुट्ठीगंज में 23 नवंबर 2012 को मुकदमा पंजीकृत कराया था जिसमे विवेचना प्रारंभ की गई फिर विवेचना सतर्कता विभाग को सौंप दी गई सतर्कता विभाग ने विवेचना के पश्चात आरोप पत्र प्रस्तुत वाराणसी सत्र न्यायालय में सत्र न्यायाधीश के समक्ष प्रस्तुत कर दिया था ,मामले में अग्रिम विवेचना भी की गई जिसमें अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत की गई थी

सत्र न्यायालय वाराणसी ने संज्ञान लेकर मामले में कार्यवाही प्रारंभ की थी प्रदेश में माननीय की विशेष न्यायालय गठित होने पर यह मामला अंतरित होकर इस विशेष न्यायालय को प्राप्त हो गया

ये है आरोप

आरोप है कि एक मई 2007 से 31 दिसंबर 2011 के बीच उत्तर प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री के रूप में लोकसेवक रहे ,पद पर रहते हुए इस अवधि के दौरान आय के समस्त स्रोतों एवं वैध स्रोतों से 49,49,928, रुपए अर्जित किया तथा इस अवधि में संपत्ति अर्जन एवं भरण पोषण पर 2,67,08,605 रुपए खर्च किया जोकि आय के सापेक्ष 2,17,58,677 रुपए अधिक है जिसका संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं दिया जो कि भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 13 (2) के अधीन अंतर्गत दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है।

Hindi News के लिए जुड़ें हमारे साथ हमारे
फेसबुक, ट्विटरयूट्यूब, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन, टेलीग्रामकू
 पर