रायपुर। छत्तीसगढ़ में खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 के तहत एक नवंबर 2023 से धान खरीदी का महाअभियान निरंतर जारी है। राज्य सरकार द्वारा अब तक किसानों से 70 लाख मीट्रिक धान की खरीदी की गई है। भाजपा सरकार के घोषणा पत्र के मुताबिक किसानों से प्रति एकड़ 21 क्विंटल के मान से धान की खरीदी की जा रही है। धान के एवज में किसानों को 16 हजार करोड़ से अधिक की राशि का भुगतान किया जा चुका है।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी को राज्य में लागू किए जाने के लिए राज्य शासन द्वारा प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदी का आदेश जारी कर दिया गया है। मार्कफेड की प्रबंध संचालक इफ्फत आरा और महाप्रधंक दिलीप जायसवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देशानुसार प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान विक्रय का लाभ पूर्व में धान बेच चुके किसानों को भी मिलेगा। किसान शेष मात्रा का धान उपार्जन केन्द्र में 31 जनवरी तक बेच सकेंगे।

‘धान खरीदी की बढ़ाई जाये तारीख’

इधर कांग्रेस पार्टी ने मांग की है कि धान खरीदी की तिथि दो महीने और बढ़ाई जाय। कांग्रेस संचार विभाग क़े अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि इस वर्ष क़े लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने 135 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य निर्धारित किया था, तब प्रति एकड़ 20 क्विंटल की दर से खरीदी होना था, वर्तमान में ज़ब प्रति एकड़ 21 क्विंटल खरीदी क़े आदेश जारी हो गए है तो लक्ष्य भी बढ़ेगा और कम से कम 150 लाख मिट्रिक टन खरीदी पहुंचेगी। अभी तक दो महीनो मे बमुश्किल 65 लाख मिट्रिक टन खरीदी हुयी है। सरकार ने केवल एक महीने की तिथि बढ़ाई है जो अपर्याप्त है। पूरे लक्ष्य की प्राप्ति हेतु तथा सभी किसान अपना धान बेच सके इसके लिए जरूरी है कि धान खरीदी कम से कम दो महीने बढ़ाई जाय।

कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में किसानो से वादा किया है कि वह धान की क़ीमत 3100 रु. प्रति क्विंटल देगी तथा इसका एक मुश्त भुगतान धान बेचने क़े तुरंत बाद खरीदी केन्द्रों की ग्राम पंचायतों में ही अलग से काउंटर बना कर किया जायेगा। इस संबंध में शासन क़े तरफ से कोई निर्णय अभी तक नहीं लिया गया है और न ही कोई निर्देश जारी हुआ है, जिसके कारण उनको समर्थन मूल्य पर ही भुगतान हो रहा है। किसान चिंतित है कि उनको 3100 रु. की क़ीमत कैसे और कब मिलेगी?