कजाकिस्तान से ताज मोहम्मद ने वहां की प्रमुख नदी का जल भेजा

अयोध्या। विश्व के सबसे बडे़ एतिहासिक प्राण प्रतिष्ठा समारोह में 156 देशों के पवित्र जल से होगा रामलला का जलाभिषेक। आश्चर्य की बात तो यह है कि इनमें से आपको जानकर बिल्कुल भी ये यकीन मुगल शासक बाबर की जन्मभूमि उज्बेकिस्तान से भी जल आया है।

बाबर के देश ईरान और पाकिस्तान के जल से भी श्रीराम का अभिषेक किया जाएगा। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मुगल शासक बाबर की जन्मभूमि उज्बेकिस्तान से भी जल लाया है। इतना ही नहीं पाकिस्तान, चीन, दुबई समेत महाद्वीप अंटार्कटिका के जल से भी रामलला का अभिषेक किया जाएगा। यह दावा दिल्ली के पूर्व विधायक डॉ़ विजय जौली का है।

अयोध्या मंदिर के लिए रामलला की मूर्ति फाइनल कर ली गई है, लेकिन इस मूर्ति को 17 तारीख को सार्वजनिक किया जाएगा। इसी दिन नगर भ्रमण का भी कार्यक्रम है। इस समय 22 जनवरी 2024 को प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम की चर्चा पूरे देशभर में हो रही है। ऐसे में यह जानना बेहद दिलचस्प होगा कि अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए 155 देशों से जल आया है।

विजय जौली ने दावा किया है कि कुल 156 देशों के जल संग्रह में सभी धर्मों के लोगों का सहयोग मिला है। सऊदी अरब से हिंदुओं ने तो ईरान से मुस्लिम महिला ने जल भेजा है। कजाकिस्तान से ताज मोहम्मद ने वहां की प्रमुख नदी का जल भेजा है। केन्या से सिख भाइयों की मदद से जल इकट्ठा किया गया। सिंधियों ने बेहद सावधानी बरतते हुए पाकिस्तान से अयोध्या के लिए जल भेजा है।

इसी साल अप्रैल में दिल्ली के पूर्व भाजपा विधायक विजय जौली 155 देशों से लाए गए पवित्र जल को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मिले थे। तब तस्वीरें भी सामने आई थीं। गडकरी ने कहा था कि यह ऐतिहासिक है। कलश को करीब से देखिए तो इसमें चीन, लाओस, लातविया, म्यांमार, मंगोलिया, साइबेरिया, दक्षिण कोरिया जैसे कई देशों के नाम के स्टिकर दिखाई देते हैं।

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