राजनांदगांव। स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, संसदीय कार्य, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि गिरते हैं शहसवार ही मैदान-ए-जंग में वो तिफ्ल क्या गिरे जो घुटनों के बल चले, इसलिए खेल में हार-जीत से ज्यादा महत्वपूर्ण खेल भावना और खेलना जरूरी है।

रविवार को स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया नई दिल्ली द्वारा संचालित एवं स्कूल शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ शासन द्वारा आयोजित स्टेट हाई स्कूल के खेल मैदान में आयोजित 67वीं राष्ट्रीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता समापन समारोह एवं पुरस्कार वितरण समारोह में शामिल हुए।

मुख्य अतिथि की आसंदी से कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्कूल शिक्षा मंत्री अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़़ की संस्कृति, कला एवं साहित्य की एक विशेष पहचान है। वहीं राजनांदगांव जिला हॉकी की नर्सरी है तथा यहां माँ बम्लेश्वरी का प्रसिद्ध मंदिर है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खेलो इंडिया के माध्यम से बच्चों एवं युवाओं को फिर से खेलने के लिए प्रेरित किया है। बच्चे खेलेंगे तो स्वस्थ रहेंगे और अच्छा पढ़ेगें तथा देश की सेवा करेंगे। उन्होंने कहा कि खेल का मैदान अनुशासन सिखाता है और खेलने वाले खिलाड़ी देश, प्रदेश, जिले एवं शहर के एम्बेसडर बन सकते हैं। इस प्रतियोगिता में देश भर की लगभग 30 टीमों ने यहां भाग लिया है।

सभी अपने प्रदेश में जाकर छत्तीसगढ़ की विशेषताओं एवं यहां की यादें साथ लेकर जा रहे हैं। किसी भी प्रतियोगिता में हार-जीत खेल का एक हिस्सा है। जो खेलेगा वही हारेगा। ऐसे प्रतिभागी जो रनर अप हैं, वे निराश न हो और आगे फिर कोशिश करें। उन्होंने बच्चों से कहा कि अपनी खेल प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए, विश्व स्तर पर देश का नाम रौशन करंे। उन्होंने सभी बच्चों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।

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