रायपुर। विधानसभा चुनाव में भाजपा से मिली करारी हार के बाद प्रदेश में दूसरी बार कांग्रेस की सरकार बनाने का सपना पूरी तरह से टूट चुका है। 75 सीटें जीत कर पुनः कांग्रेस की सरकार बनाने की दावा करने वाली कांग्रेस महज 35 सीटों पर सिमट कर रह गई है। सत्ता गंवाने के बाद कांग्रेस अब विपक्ष की भूमिका में है। चुनाव जीतने के बाद भाजपा में उत्साह का माहौल है तो वहीं अंतरकलह के बीच काग्रेस में हार के कारणों को लेकर मंथन का दौर अब भी जारी है। कांग्रेसी नेता अपनी-अपनी जिम्मेदारी से बचने के बजाय एक दूसरे पर हार का ठीकरा फोड़ रहे हैं। इस संबंध में नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत के नेताओं के एक-दूसरे से मुंह चुराने वाले बयान पर पूर्व अमरजीत भगत ने कहा कि बड़े नेताओं के बारे में हमारा बोलना उचित नहीं है. लेकिन किसी को भी इस परिणाम की उम्मीद नहीं थी । परिणाम कांग्रेस के विपरीत आया. सभी लोग इससे डिप्रेस हैं। मंत्री अमरजीत भगत ने लोकसभा चुनाव लड़ने को लेकर कहा कि खुद से टिकट नहीं मांगेंगे । पार्टी चुनाव लड़ने बोलेगी तो विचार करेंगे. वहीं भाजपा नेता धरमलाल कौशिक के कांग्रेस की हालत खराब वाले बयान पर कहा कि कांग्रेस की छोड़िए, कौशिक जी के प्रति मेरी पूरी सहानुभूति है।

उन्होंने कहा कि धरमलाल कौशिक, अजय चंद्राकर, अमर अग्रवाल, रेणुका सिंह के साथ ठीक नहीं हुआ. इनके साथ केंद्रीय नेतृत्व ने बहुत गलत किया है । इनके सामने खाना रखकर उठा लिया गया। सभी नेताओं ने सूट सिला लिया था, पर धरा ही रह गया. मैं उम्मीद करता हूं कि इनके साथ न्याय होगा।
हसदेव अरण्य को लेकर आल इंडिया आदिवासी की ओर से दिए निर्देश पर पूर्व मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने हसदेव की कटाई पर रोक लग गई थी. कांग्रेस ने सीमित क्षेत्र में बांधकर रखा । इनकी सरकार आते ही हसदेव में कटाई शुरू हो गई. अखिल कांग्रेस आदिवासी की ओर से निर्देश मिले हैं, तो अमल होगा. हसदेव को बचाना जरूरी है।

पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा के नक्सल पर दिए बयान पर कांग्रेस का पक्ष रखा है. उन्होंने कहा कि नक्सलवाद को लेकर जितनी भी सरकारें रहीं सभी ने शांति की अपील की. हमारी सरकार ने भी शांति को लेकर बातचीत करने की कोशिश की. शांति होनी भी चाहिए, लेकिन इनकी कथनी और करनी में अंतर नहीं आना चाहिए।