रायपुर। छत्तीसगढ़ वन सेवा भर्ती प्रक्रिया में धांधली किये जाने का गंभीर आरोप लग रहा है। वेटिंग लिस्ट में शामिल अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया है कि फिजिकल टेस्ट में फेल हो चुके अभ्यर्थियों को अधिकारी दोबारा मौका देकर वेटिंग लिस्ट के अभ्यर्थियों को उनके अधिकार से वंचित किया जा रहा है। इस भर्ती की लिखित परीक्षा CGPSC द्वारा ली गई थी।

बता दें कि साल 2021 में CGPSC ने वन सेवा भर्ती की परीक्षा ली थी। साल 2023 में रिजल्ट आने के बाद चयनित अभ्यर्थियों का फिजिकल टेस्ट लिया गया। जिसमें विभाग के अफसरों द्वारा धांधली किये जाने की शिकायत मुख्य सचिव मनोज पिंगुआ से की गई है।

2020 में निकाली गई थी वैकेंसी

बताते चलें कि पूर्व की कांग्रेस सरकार ने साल 2020 में वन विभाग में भर्ती के लिए वैकेंसी निकाली थी। इसके तहत CGPSC द्वारा साल 2021 में वन सेवा भर्ती की परीक्षा आयोजित की गयी। जिसके बाद 3 जून 2023 को इस परीक्षा का रिजल्ट CGPSC द्वारा जारी कर मुख्य एवं अनुपूरक सूची जारी किया गया। इसके बाद प्रधान मुख्य वन संरक्षण रायपुर कार्यायल में चयनित अभ्यर्थियों का दस्तावेज परीक्षण के बाद दिनांक 12 सितंबर 2023 को शारीरिक मापदंड परीक्षण लिया गया।

फिजिकल टेस्ट में असफल रहे कई परीक्षार्थी..

अनुपूरक सूची में दर्ज अभ्यर्थियों का आरोप है कि 12 सितंबर को आयोजित शारीरिक मापदंड परीक्षण में 4 घंटे के भीतर 26 किलोमीटर पैदल चलना था। जिसमें 20 से अधिक अभ्यर्थी इस परीक्षण में असफल रहे। लिहाजा वेटिंग लिस्ट के अभ्यर्थियों को उन अभ्यर्थियों के स्थान पर फिजिकल टेस्ट के लिए मौका दिया जाना था। लेकिन अधिकारियों से इस संबंध में जानकारी लिये जाने पर अनुपूरक सूची में दर्ज अभ्यर्थियों को मौका ना देकर फिजिकट टेस्ट में फेल हुए अभ्यर्थियों को दोबारा मौका दिये जाने की दलील दी गयी।

मुख्य सचिव पिंगुआ से की गई शिकायत

अधिकारियों के इस जवाब से निराश अभ्यर्थियों ने इस पूरे मामले को लेकर वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मुख्य सचिव मनोज पिंगुआ को पत्र लिखकर इस मामले की शिकायत की है। अनुपूरक सूची में दर्ज अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया है कि अधिकारी अपने कुछ विशेष लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए नियमों में परिवर्तन कर नियम विरूद्ध मनमानी कर रहे हैं। अभ्यर्थियों ने इस पूरे प्रकरण की जांच कर न्याय की गुहार लगायी है।