मुस्लिम महिलाओं की सामाजिक मजबूती की दिशा में बड़ा कदम
नई दिल्ली। इस वर्ष 50 मुस्लिम महिलाएं बिना पुरुष सहयोगियों (मेहरम) के हज यात्रा करेंगी। इस बार अकेले हज यात्रा पर जाने वाली महिलाओं की संख्या बढ़ी है। पिछले वर्ष यह संख्या 39 ही थी। अंतिम सूची आने तक बिना मेहरम हज यात्रा करने वाली महिलाओं की संख्या में और बढ़ोतरी हो सकती है। इसे मुस्लिम महिलाओं की सामाजिक मजबूती की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।

दिल्ली स्टेट हज कमिटी की चेयरपर्सन कौसर जहां ने कहा कि इस वर्ष हज यात्रा के लिए डिजिटल रैंडम सिलेक्शन द्वारा यात्रियों का चयन किया गया है। दिल्ली से 3022 हज प्रार्थियों का चयन किया गया है। उन्होंने इस अवसर पर हज यात्रा के लिए चयनित सभी लोगों को शुभकामनाएं दी हैं।
उन्होंने कहा कि दिल्ली हज कमिटी यात्रियों को गत वर्षों की भांति सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए वचनबद्ध है। इसके लिए उन्होंने पहले ही दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम के विभिन्न संबंधित विभागों से संपर्क स्थापित किया हुआ है।
प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए लगातार कोशिश की है। यह कदम मुस्लिम महिलाओं की सामाजिक स्थिति को और ज्यादा मजबूत करेगा। इस वर्ष हज यात्रा के लिए डिजिटल रैंडम सिलेक्शन द्वारा यात्रियों का चयन किया गया है। इसमें दिल्ली से 3022 हज प्रार्थियों का चयन किया गया है।
दिल्ली स्टेट हज कमिटी के कार्यकारी अधिकारी अशफाक अहमद आरफी ने बताया कि इस वर्ष दिल्ली से हज यात्रा के लिए प्रार्थियों की कुल संख्या 4084 थी। 2011 की जनगणना के अनुसार दिल्ली की कुल मुस्लिम जनसंख्या (2158684) के अनुपात में चयन किए गए प्रार्थियों की कुल संख्या 3022 में सामान्य श्रेणी के 2892, सत्तर वर्ष और अधिक आयु के 80, और बिना मेहरम के हज यात्रा पर जाने वाली महिलाओं की संख्या 50 है। 1062 आवेदक अभी प्रतीक्षा सूची में रखे गये हैं।
पूरे देश में कुल 20 हज एंबरकेशन प्वाइंट हैं, जहां से हज यात्री यात्रा के लिए उड़ान भरेंगे। दिल्ली सब से बड़ा एंबरकेशन प्वाइंट है जहां से इस बार सबसे अधिक लगभग 22000 यात्री पवित्र हज के लिए उड़ान भरेंगे। दिल्ली राज्य हज समिति इन सभी हज यात्रियों के लिए हर प्रकार की स्थानीय सुविधाएं प्रदान करती है।