दुर्ग। शहर में बने सार्वजनिक शौचालय रख रखाव के अभाव में बदहाल हैं। इनकी नियमित सफाई न होने से गंदगी की भरमार है। ज्यादातर शौचालयों में वाशबेसिन और टोंटी ही गायब है। इनमें से ज्यादातर में न तो सफाई और न ही पानी का प्रबंध है। ऐसे में लाखों रुपये खर्च कर बनाए गए शौचालयों के बदहाल होने से लोग इन्हें इस्तेमाल करने से भी कतरा रहे हैं। दूसरी ओर लोगों में स्वच्छता की अलख जगाने वाले अधिकारी भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
भिलाई नगर निगम ने सात साल पहले 247 लाख रुपए की लागत से 1435 सुलभ शौचालय बनवाए थे। आज सभी शौचालय की हालत खस्ताहाल है। सभी के अंदर गंदगी पसरी हुई है। सुलभ में पानी और बिजली न होने से लोग वहां जाना पसंद नहीं कर रहे हैं। ये हाल तब है जब निगम हर महीने इनके मेंटेनेंस के लिए लाखों के फंड जारी करता है।

भिलाई के शिवाजी नगर जोन-4 में वार्ड-46 दुर्गा मंदिर के दो-दो सार्वजनिक सुलभ शौचालयों में गंदगी पसरी मिली। यहां की स्थानीय महिलाओं का कहना है कि उन्हें यहां आने में असुरक्षा महसूस होती है। शाम के समय लाइट की सुविधा नहीं है। नशा करने वालों का जमावड़ा रहता है।
हर एक सुलभ की देखरेख करने के लिए भिलाई नगर निगम से हर महीने 20-21 हजार रुपए का फंड जारी किया जाता है। लोगों का आरोप है कि इसे कांग्रेस नेताओं ने अपने कब्जे में लिया है। उन लोगों के द्वारा पूरा फंड हजम कर लिया जाता है। जिस सुलभ की हर दिन साफ-सफाई होनी चाहिए वहां 10 दिन में एक बार सफाई कराई जाती है। कई सुलभ शौचालय में पानी की व्यवस्था नहीं है।