सक्ती। क्षेत्र में इन दिनों अवैध ईट भट्ठों का संचालन जोर-शोर चल रहा है। संचालकों द्वारा न तो खनिज नीति का पालन किया जा रहा है और न ही स्थानीय निवासियों की स्वास्थ्य की कोई चिंता। बाहर से मजदूर बुलाकर गुणवत्ताहीन ईंट से मोटी रकम कमा रहे हैं। नदी किनारे आसपास के इलाकों में बड़ी मात्र में छोटे-बड़े ईंटों का भट्ठा लगाया गया है। क्षेत्र में निजी निर्माण के अलावा शासकीय कार्यों के लिए इसका उपयोग हो रहा है, जिसके लिए खनिज विभाग से किसी प्रकार की अनुमति नहीं ली गई है । लेकिन स्थानीय प्रशासन इन अवैध भट्ठों पर अंकुश लगाने में सफल नहीं हो पा रहा है और न ही किसी प्रकार की कोई कार्रवाई कर रहे हैं।

बता दें कि जिले की सिरली, हरदी और मंद्राघोड़ी क्षेत्र में दर्जन भर से ज्यादा ईंट भट्टे संचालित हो रहे हैं, जहां हर साल करीबन 50 लाख से ज्यादा ईंट बनाई जाती है. एक तरफ जहां इन अवैध ईंट भट्टों से पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है, वहीं इससे शासन को भी भारी-भरकम नुकसान उठाना पड़ रहा है। इन ईंट भट्टा संचालकों ने नदी को नुकसान पहुंचाने के साथ करोड़ों रुपए की लागत से बने पुल को भी भारी-भरकम वाहनों के परिवहन से क्षतिग्रस्त कर दिया है।
सक्ती के खनि अधिकारी केके बंजारे ने बताया कि जिले में केवल 2 चिमनी ईंट भट्टे को लाइसेंस जारी किया गया है, जिसमें एक सक्ती और एक जैजैपुर में है. इसके अलावा जिले में संचालित तमाम ईंट भट्टे अवैध हैं. बंगला ईंट भट्टे के लिए लाइसेंस नहीं दिया जा रहा. निरीक्षण कर कार्रवाई की जाएगी।