लखनऊ। उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की 10 सीटों के लिए मतदान से पहले समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। सपा के विधायक इरफान सोलंकी वोट नहीं कर पाएंगे। अदालत ने उन्हें आगामी राज्यसभा चुनाव में वोट करने से रोक दिया है। अब सपा के लिए अपने तीसरे उम्मीदवार को जिताना और मुश्किल हो जाएगा। इससे पहले सुहेलदेव समाज पार्टी के विधायक अब्बास अंसारी को भी अदालत ने मतदान में शामिल होनेकी अनुमति नहीं दी थी। राज्यसभा चुनाव के लिए सपा ने तीन प्रत्याशियों क्रमशः जया बच्चन, रामलालजी सुमन और आलोक रंजन को उतारा है। वहीं बीजेपी ने 8 प्रत्याशी उतारे हैं। 10 सीटों के लिए 11 प्रत्याशियों के चलते सभी 10 सीटों के लिए मतदान होंगे।
बदल गए समीकरण
यूपी की 403 सदस्यीय विधानसभा में फिलहाल 399 विधायक हैं. इसमें से अभी सिर्फ 397 विधायक ही मतदान में शामिल हो सकते हैं. समाजवादी पार्टी को राज्यसभा की 3 सीट जीतने के लिए 111 विधायकों के समर्थन की जरूरत है. समाजवादी पार्टी के अभी 108 विधायक हैं। कांग्रेस के दो,भाजपा के 252, अपना दल एस के 13, रालोद के 9, निषाद पार्टी के 6, सुभासपा के 6, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के 2 और बसपा के एक विधायक हैं।
अदालत के फैसले के बाद जहां सपा का गणित घटकर 107 हो गया है तो ऐसे में अब उसे बाहरी समर्थन की जरूरत पड़ेगी। अभी तक के समीकरण के अनुसार अगर कांग्रेस, सपा को सपोर्ट कर भी दे तब भी उसके पास कुल 109 विधायक ही होंगे। ऐसे में उसे 2 और विधायकों की जरूरत पड़ेगी. इन आंकड़ों को ध्यान में रखें तो क्रॉस वोटिंग की आशंका के बीच सपा के लिए रालोद के कथित नाराज विधायक, सुभासपा के सिंबल पर चुनाव लड़ने वाले सपा नेता और बसपा के इकलौते विधायक मददगार साबित हो सकते हैं. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि 27 फरवरी को मतदान के बाद आंकड़ों का ऊंट किस करवट बैठता है।