रायपुर। केंद्रीय चुनाव आयोग ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव करवाने को लेकर एक और कदम आगे बढ़ाया है। आयोग ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर कहा है कि जिन अधिकारियों को एक स्थान पर 3 साल पूरे हो गए हैं उन्हें तत्काल प्रभाव से उस संसदीय क्षत्र से बाहर स्थानांतरण किया जाए। चुनाव आयोग ने मुख्य सचिव और डीजीपी से इस कार्रवाई को पूरा करने के बाद एक रिपोर्ट भी मांगी है।

ये अधिकारी आएंगे दायरे में…

पत्र में लिखा गया है कि जो भी डीईओ, उप. डीईओएस, आरओ, एआरओएस, और रेंज एडीजी, आईजीएस, डीआइजी, एसएसपी, अतिरिक्‍त एसपी, एसपी, डीएसपी, सर्कल अधिकारी (या समकक्ष रैंक के पुलिस अधिकारी) ने एक ही संसदीय निर्वाचन क्षेत्र या जिलों में पिछले 4 वर्षों के दौरान 3 वर्ष पूरा कर रहे हैं, के ट्रांसफर किए जाएं और इसकी रिपोर्ट चुनाव आयोग को सौंपी जाए। जल्द से जल्द राज्य की लोकसभा सीटों पर होने जा रहे चुनाव के मद्देनजर तमाम अधिकारियों के स्थानांतरण किए जाए।

चुनाव आयोग ने पत्र में लिखा है कि नियमित कवायद के तहत सरकार यह सुनिश्चित करे कि जो पुलिस या प्रशासनिक अधिकारी अपनी 3 साल की सेवा की अवधि एक जिले में पूरी कर चुके हैं, उन्हें तत्काल प्रभाव से उस संसदीय क्षेत्र से ट्रांसफर किया जाए। चुनाव आयोग ने इस बात को भी स्पष्ट किया है कि ये ट्रांसफर जिले के अंदर न हों बल्कि दूसरी जिले में ही अधिकारी को तैनाती मिलनी चाहिए, ताकि स्वच्छ और स्वतंत्र चुनाव प्रक्रिया को पूरा करवाया जा सके।

स्थानांतरण की प्रक्रिया को पूरा करने के बाद राज्य के चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी को तत्काल प्रभाव से एक रिपोर्ट भी चुनाव आयोग को भेजने के लिए कहा गया है ताकि पता चल सके कि अबतक इस दिशा में कितना काम हुआ है। निर्वाचन आयोग की नियमावली कहती है कि चुनाव के दौरान जिन अधिकारियों और कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी में तैनात होना पड़ता है, उन अधिकारियों की ड्यूटी उनके गृह क्षेत्र और उस स्थान पर नहीं होनी चाहिए, जहां पर वो 3 साल से ड्यूटी कर रहे हैं। इसमें वो अधिकारी शामिल होते हैं जो सीधे तौर पर पर्यवेक्षी क्षमता में किसी तरह से चुनाव प्रक्रिया का हिस्सा होते हैं। निष्पक्ष और निर्भय चुनाव हो सकें, इसके लिए सभी अधिकारियों को एक जिले से दूसरे जिले में भेजा जाता है।