बिलासपुर। रायपुर नगर निगम में असिस्टेंट इंजीनियर की पदोन्‍नति पर छत्‍तीसगढ़ हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। यह मामला वरिष्ठता के बावजूद पदोन्नति से वंचित होने से जुड़ा है, जिसे लेकर कोर्ट ने नगर निगम प्रशासन को 6 सप्ताह में जबाव प्रस्‍तुत करने का निर्देश दिया है।

दशक भर पहले हुई थी नियुक्ति

मिली जानकारी के मुताबिक वर्ष 2013 में संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग, रायपुर द्वारा नगर निगमों, नगर पालिका परिषदों और नगर पंचायतों में उप-अभियंता के पद पर भर्ती एवं नियुक्ति के लिए एक विज्ञापन जारी किया गया था और छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल, रायपुर ने ऑनलाइन आवेदन पत्र आमंत्रित किया था।

याचिकाकर्ताओं ने उप-अभियंता के पद के लिए विधिवत आवेदन किया था। लिखित परीक्षा के बाद मेरिट सूची जारी किया गया, जिसमें याचिकाकर्ताओं का नाम मेरिट में था। चयनित उम्मीदवारों के पक्ष में नियुक्ति आदेश जारी करने का निर्देश दिया गया।

वरिष्ठता सूची में की गई गड़बड़ी

आयुक्त नगर पालिक निगम, रायपुर द्वारा चयनित अभ्यर्थियों/याचिकाकर्ताओं के पक्ष में मेयर-इन-काउंसिल (एमआईसी) के अनुमोदन उपरांत नियुक्ति आदेश जारी कर उन्हें नगर निगम रायपुर के विभिन्न जोनों में पदस्थापित किया गया। आयुक्त नगर पालिक निगम, रायपुर द्वारा सब-इंजीनियर के पद का वरिष्ष्ठता सूची का प्रकाशन किया गया उक्त सूची में याचिकाकर्ताओं से कम अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थी/सब-इंजीनियर का नाम वरिष्ठता सूची में याचिकाकर्ता के नाम से उपर रखा गया।

वरिष्ठता का नहीं मिला लाभ

नगर निगम रायपुर द्वारा सब-इंजीनियर से सहायक इंजीनियर के पद पर पदोन्नति हेतु विभागीय पद्दोन्नति समिति की बैठक हुई जिसमें याचिकाकर्ता से कम रैंक वाले अभ्यर्थी/उत्तरवादी का नाम पद्दोन्नति हेतु विचार किया गया और याचिकाकर्ता से कम रैंक वाले अभ्यर्थी/उत्तरवादी का नाम सहायक इंजीनियर के पद पर पदोन्नति हेतु अनुशंसा की गई इस विसंगति के कारण कुछ याचिकाकर्ता का नाम सहायक इंजीनियर के पद पर पदोन्नति नहीं हुई।

कोर्ट ने रोकी पदोन्नति की प्रक्रिया

वरिष्ष्ठता सूची से क्षुब्ध होकर याचिकाकर्ता नरेश कुमार साहू, पुकेष कुमार साहू, शैलेन्द्र कुमार पटेल एवं गरिमा वर्मा ने उच्च न्यायालय में अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी एवं घनश्याम कश्यप के माध्यम से रिट याचिका दायर की गई| याचिका की सुनवाई न्यायाधीश अरविन्द सिंह चंदेल के एकलपीठ में हुई, जिसमें न्यायालय ने राज्य शासन एवं नगर पालिक निगम, रायपुर को नोटिस जारी कर 06 सप्ताह के भीतर जवाब प्रस्तुत करने के लिए निर्देश दिया एवं प्रतिवादी के पक्ष में सहायक इंजीनियर के पद पर पदोन्नति आदेश जारी करने पर रोक लगा दिया है।