रायपुर। राजधानी रायपुर के रेलवे स्टेशन में पार्किंग का नया सिस्टम शुरू किये जाने के बाद से ठेकेदार के कर्मचारियों से लोगों का विवाद बढ़ने लगा है। शिकायत है कि बिना कोई पहचान पत्र लगाए स्टाफ लोगों के वाहन लॉक कर देते हैं और बदतमीजी करते हुए मनमाने तरीके से वसूली करते हैं। आलम ये है कि शहर के पत्रकार भी इनके दुर्व्यवहार का शिकार हो रहे हैं।

रायपुर रेलवे स्टेशन पर पहुंचने वाले यात्री और उनके परिजनों को नई परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल स्टेशन में होने वाली भीड़ को देखते हुए रेलवे ने नई व्यवस्था शुरू की है। इसके तहत स्टेशन के सामने यात्रियों को छोड़ने के लिए आने वाले वाहन निर्धारित समय के लिए ही रुक सकेंगे। समय सीमा के समाप्त होने के बाद स्टैंड ठेकेदार के स्टाफ वाहन में लॉक लगा देते हैं और जुर्माने की वसूली करते हैं। इस दौरान विवाद की स्थिति निर्मित हो रही है।

समय से पहले ही लॉक लगाने की शिकायत

यात्रियों की शिकायत है कि दुपहिया और चौपहिया वाहन खड़ा करने की जितनी मियाद होती है, उससे पहले ही ठेकेदार के स्टाफ गाड़ी पर लॉक लगा देते हैं। इससे यात्री काफी परेशान हैं। वाहन लॉक करने के बाद लोगों से 20 रुपया, 50 रुपया, 100 रुपया या उससे भी जायदा वसूली कर रहे हैं। ऐसे ही मामले में एक पत्रकार इन कर्मियों की मनमानी का शिकार हो गए। आज सुबह ही पत्रकार हसीब अख्तर अपने रिश्तेदार को रेलवे स्टेशन छोड़ने गए। यहां उन्होंने अपने टू व्हीलर गाड़ी को खड़ा किया ही था कि कथित ठेकेदार आसिफ़ मेमन के स्टाफ वहां पहुंच गए और लॉक लगाने लगे। जब इस इसका विरोध किया गया तो वे बदतमीजी करने लगे। और कहने लगे कि फाइन तो देना पड़ेगा। जबकि यह नियम के विपरीत है, कुछ ही सेकेंड में फाइन कैसे लिया जा सकता है।

गौर करने वाली बात यह है कि यह वाकया रेलवे स्टेशन के रिजर्वेशन काउंटर के पीछे वाले हिस्से में हुआ। जहां इक्का-दुक्का गाड़ियां ही पहुंचती हैं। इसी तरह की घटना अन्य पत्रकारों के साथ भी घट चुकी है। रात लगभग ढाई बजे एक पत्रकार ट्रेन का पता करने स्टेशन गए। इस दौरान उनका साथी कार पर ही बैठा था। वहां ठेकेदार के स्टाफ ने तुरंत आकर चक्के में लॉक लगा दिया, जबकि कार में बैठा साथी बार-बार बोले जा रहा था कि वाहन मालिक आ रहा है। 10 मिनट बाद पार्किंग वाले ने आकर कहा कि 100 रुपया देना होगा तभी जाने दूंगा। काफी वाद-विवाद के बाद पत्रकार अनुज साहू और मनीष गुप्ता कार ले कर चले गए और बाहर जा कर हेल्पलाइन नंबर 112 पर फोन कर के इस घटना की सूचना दी पार्किंग के नाम से अवैध वसूली का काम चल रहा है।

बिना आई कार्ड लगाए कर रहे हैं काम

रेलवे स्टेशन परिसर में नई व्यवस्था की आड़ में लोगों से अवैध तरीके से वसूली तो सामान्य बात हो गई है। बाद में अगर पीड़ित इसकी शिकायत भी करना चाहे तो किसके खिलाफ करेगा। दरअसल पार्किंग ठेकेदार का कोई भी स्टाफ पहचान पत्र नहीं लगाता। जबकि ऐसा करना अनिवार्य होना चाहिए। रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी शिव प्रसाद ने भी TRP न्यूज़ से चर्चा में कहा कि स्टाफ को आई कार्ड लगाना चाहिए। आलम ये है कि स्टाफ बहसबाजी के दौरान आपका परिचय तो पूछ लेते हैं, मगर जब उनसे परिचय मांगा जाता है तो वे मना करते हुए जो करना है कर लो, वाली धमकी देते हैं।

रेलवे ने अगर कोई नई व्यवस्था शुरू की है तो यहां आने वाले लोगों को इसके बारे में बताने की भी जरुरत है, ताकि बाद में विवाद की स्थिति निर्मित न हो, वहीं पार्किंग ठेकेदार के कर्मचारियों को भी दुरुस्त करने की जरुरत है। इसके अलावा ऐसे स्पॉट पर शुरुआती दौर में RPF या GRP के जवानों को भी तैनात करना चाहिए ताकि लोगों के साथ मनमानी न हो और स्टाफ दुर्व्यवहार न करें।