जिम्मेदार डाक्टर और स्टाफ को तत्काल हटाने की मांग को लेकर धरना

रायपुर । माना एयरपोर्ट में सिर्फ वीवीआईपी लोगों का ही इलाज होता है, यहां सामान्य नागरिकों को मौत के मुंह में जानबूझ कर धकेल दिया जाता है। यह आरोप टैक्सी यूनियन ने लगाया है। टैक्सी चलाने वाले ड्राइवर उमाशंकर पटेल की छाती में दर्द उठने पर टैक्सी यूनियन ने एयरपोर्ट अथारिटी से एयरपोर्ट अस्पताल में प्राथमिक उपचार के लिए आग्रह करने पर अथारिटी के अधिकारी टाल मटोल करते रहे, जब वहां देर होने पर तुरंत माना अस्पताल लाया गया जहां पर कोई स्टाफ और न डाक्टर नहीं होने से उमाशंकर की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई।

तब वहां एक स्टाफ नर्स ने मीड़ित के साथ साथियों को ही बीपी-शुगर चेक करने को कहा इस दौरान सवा घंटे बीत चुका था, तब तक मरीज तड़पता रहा और उसकी मौत हो गई । संपूर्ण भारत टैक्सी यूनियन के रोशन राव ने बताया कि जिस वक्त उमाशंकर को दर्द उठा उस समय एयरपोर्ट अस्पताल में इलाज करने का निवेदन करते रहे पर सुनवाई नहीं हुई थक हार कर माना ले जाने के बाद वहां तत्काल इलाज की सुविधा नहीं मिलने पर उमाशंकर की मौत हो गई।

मौत बाद टैक्सी यूनियन ने माना अस्पताल में धरना देकर जिम्मेदार डाक्टर और स्टाफ को तत्काल हटाने की मांग को लेकर धरना दिया। माना अस्पताल में वहां का स्टाफ व्दारा यह लिखकर दिया डाक्टर की लापरवाही से मरीज की मोत हुई उसके बाद धरना समाप्त हुआ।

सरायपाली निवासी उमा शंकर पटेल रायपुर एयरपोर्ट के बाहर ड्राइवर चलाता है, आज शाम उसकी तबियत अचानक बिगड़ गईऔऱ इलाज के अभाव में उसकी मोत हो गई जिसके जिम्मेदार एयरपोर्ट अथारिटी और माना अस्पताल के डाक्टर है। डॉ आशीष मेश्राम…मेडिकल ऑफिसर, सिविल अस्पताल जिला अस्पताल जिसका नंबर 7869109233 फोन रिसीव नहीं किय। .