बीजापुर। छत्तीसगढ़ पुलिस ने पिछले दिनों एक ईनामी नक्सली महिला को गिरफ्तार किया था। जिसे अब नक्सलियों ने फर्जी मामला बताया है और साथ ही पुलिस के सामने एक शर्त भी रखी है।

बीते दो मार्च को पुलिस ने पामेड़ थाना क्षेत्र के जारपल्ली के जंगल से जिस एक लाख रुपये की ईनामी महिला नक्सली कट्टम रामबाई को गिरफ्तार कर न्ययालय में पेश करने का प्रेसनोट जारी किया था। अब उस मामले को लेकर नक्सलियों की दक्षिण बस्तर डिवीजन कमेटी के सचिव गंगा ने प्रेसनोट जारी कर पुलिस की उस कार्यवाही को फर्जी बताते हुए रामबाई को बिना शर्त रिहा करने की मांग की है।

नक्सलियों के दक्षिण बस्तर डिवीजन कमेटी के सचिव गंगा ने नौ मार्च को प्रेसनोट जारी कर कहा था कि दो मार्च 2024 को बीजापुर जिला पामेड़ थाना अंतर्गत ग्राम जारपल्ली के जंगल से एक लाख की ईनामी महिला माओवादी कट्टम रामबाई को गिरफ्तार करने का पुलिस प्रशासन द्वारा प्रेसनोट जारी किया गया। मगर यह एक फर्जी गिरफ्तारी और सफेद झूठ के सिवा कुछ नहीं है।

मजदूरी करने तेलंगाना गई थी रामबाई..?

प्रेसनोट में सचिव गंगा ने लिखा है कि सच्चाई यह है कि कट्टम रामबाई अपने परिजनों और गांव वालों के साथ मिलकर तेलंगाना मिर्ची तोड़ने और कुली मजदूरी करने गई हुई। इसी दौरान डीआरजी ने वहां से उठाकर पामेड़ थाना में एक झूठा केस दर्ज करके उन्हें जेल में बंद कर दिया।

नक्सलियों का कहना है कि ये घटना एक मात्र उदाहरण भर है। पिछले कई सालों से और अभी भी बड़ी संख्या में लोगों की अवैध गिरफ्तारियां कर रहे हैं। प्रेसनोट में पड़ोसी राज्यों में कुली मजदूरी के लिए जा रहे लोगों की अवैध गिरफ्तारियां करके झूठे केसों फंसाकर जेल में भेजने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने व कमलापुर निवासी कट्टम रामबाई को बिना शर्त रिहा करने की मांग की गई है।

पुलिस ने किया था यह दावा

बीजापुर के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र कुमार यादव ने मीडिया को बताया था कि महिला नक्सली राम बाई को स्थानीय पुलिस, कमांडो बटालियन फॉर रिजॉल्यूट एक्शन (कोबरा) की 204 बटालियन और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 151वीं बटालियन द्वारा पामेड़ पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत जारपल्ली गांव के पास जंगल से पकड़ा गया।

बीजापुर के पुलिस अधीक्षक ने कहा, ‘‘ यह संयुक्त टीम जारपल्ली और आमपुर इलाके में नक्सल विरोधी अभियान पर निकली थी। राम बाई माओवादियों के मुखौटा संगठन कमलापुर क्रांतिकारी आदिवासी महिला संगठन (केएएमएस) की अध्यक्ष है और उसके सिर पर एक लाख रुपये का इनाम है। हमने उसके पास से कुकर-बम, विस्फोट करने वाली रस्सी और माओवादियों के सामरिक जवाबी आक्रामक अभियान (टीसीओसी) से संबंधित पर्चे जब्त किए।’’

बहरहाल नक्सलियों के दावों में कितनी सच्चाई है यह तो मामले की जांच से ही पता चल सकेगा। नक्सल प्रभावित इलाकों में पुलिस और नक्सली अक्सर अलग-अलग दावे करते हैं। वहीं ग्रामीण भी पुलिस की कार्रवाइयों पर सवाल उठाते रहे हैं।