अंबिकापुर। गर्मी के मौसम आते ही जंगलों में पानी और खाने की सुविधा नहीं होती है जिससे वन्य प्राणी गांव एवं शहरों की तरफ आ जाते हैं। बंदरों की एक टोली उछल-कूद करते हुए अंबिकापुर शहर पहुंच गए। लोगों का कहना है कि भूखे-प्यासे बंदरों द्वारा लोगों के घरों से खाने का सामान उठाकर ले जा रहे हैं। लोगों की शिकायत पर वन विभाग की टीम ने बंदरों को पकड़कर कैद कर दिया है और छोड़ना भूल गए। अंबिकापुर वन विभाग के संजय पार्क का ये मामला है। दरअसल संजय पार्क वन विभाग का रेस्क्यू सेंटर है, जहां जंगल से भटककर शहर पहुंचे जंगली जानवरों को रेस्क्यू कर सुरक्षित जंगल में छोड़ दिया जाता है, लेकिन हैरानी की बात है कि वन विभाग के अधिकारी इन बंदरों को रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ना भूल गए, जिससे इन बंदरों की आजादी छीन गई है।
संजय पार्क में कैद बंदरों की पीड़ा को देखकर दाना पानी देने वाले कर्मचारी भी बंदरों को जंगल में छोड़ने अपने अधिकारियों से फरियाद लगा चुके है, लेकिन अधिकारियों को इन कैद बंदरों की परवाह नहीं है।
शायद यही वजह है कि महीनों से किसी अपराधी की तरह आजादी से उछल कूद और मस्ती करने वाले बंदरों को सजा मिल रही है। पशु प्रेमी हैरान है कि इन बंदरों को सुरक्षित जंगल में महीनों बाद भी छोड़ा नहीं गया है। महीनों से कैद होने से बंदरों के जान को खतरा हो सकता है अंबिकापुर वन विभाग के एसडीओ नविन निराला का कहना है कि बंदरों के रेस्क्यू कर संजय पार्क में रखा गया है। जल्द ही बंदरों को सुरक्षित जंगल में छोड़ दिया जाएगा।