0 पोराबाई कांड फिर से दुहराया जा सकता है छत्तीसगढ़ में

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य में एक दौर था जब जांजगीर सहित कुछ अन्य जिले ऐसे थे जहां स्कूलों में सामूहिक नकल की ख़बरें सुर्खियां बना करती थीं। इसी बीच ‘पोराबाई कांड’ उजागर हुआ, जिसमें बोर्ड परीक्षा में टॉप में आयी छात्रा की जांच में खुलासा हुआ कि नक़ल के चलते उसने अच्छे नंबर हासिल किये थे। इसके बाद बदनामी झेल रहे माध्यमिक शिक्षा मंडल ने कड़ाई बरती और परीक्षा व्यवस्था में बदलाव आया। मगर साल-दर-साल व्यवस्था ढीली होती जा रही है, जिसका लाभ परीक्षार्थी ही नहीं परीक्षा व्यवस्था में लगा पूरा अमला उठा रहा है। वहीं दूसरी ओर मंडल के प्रमुख अपनी व्यवस्था को सही बता रहे हैं।

यहां सामूहिक नकल करते पकड़ाए परीक्षार्थी

यह वाकया सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले का है, जहां के एसडीएम वासु जैन ने बरमकेला के परीक्षा केन्द्र शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में संचालित छत्तीसगढ़ राज्य ओपन परीक्षा केंद्र का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान जैन ने पाया कि बच्चों द्वारा सामूहिक नकल किया जा रहा है। एसडीएम द्वारा केंद्राध्यक्ष से इस संबंध स्पष्टीकरण पूछा गया तो सटीक जवाब नहीं दिया गया।

एक समान थी सारी पर्चियां

एसडीएम ने अपने रिपोर्ट में लिखा है कि निरीक्षण के दौरान 35 परीक्षार्थियों से नकल प्राप्त किए गए और सभी पर्चीयां एक समान थीं। साथ ही एक हेडफोन बरामद किया गया, जिससे यह प्रतीत होता है कि केंद्राध्यक्ष इस कृत्य में शामिल थे। ऐसी स्थिति में केंद्राध्यक्ष और पर्यवेक्षक के विरुद्ध कार्रवाई और परीक्षा को खारिज करने के लिए एसडीएम ने अनुशंसा की।

केंद्राध्यक्ष समेत 9 शिक्षक एक साथ निलंबित

शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बरमकेला में ओपन स्कूल के हिन्दी विषय की परीक्षा में केन्द्र में ओपन स्कूल कक्षा 12 वीं हिन्दी विषय के परीक्षा के दौरान सामूहिक नकल का यह मामला उजागर हुआ। जिसके बाद बड़ी कार्रवाई की गई और लोक शिक्षण संचालनालय ने केंद्राध्यक्ष समेत 9 शिक्षकों को सस्पेंड कर दिया गया। निलंबित कर्मचारियों का मुख्यालय कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी रायगढ़ नियत किया गया है।

निलंबितों में शिक्षक, व्याख्याता और प्रधान पाठक भी शामिल..!

जिन 9 शिक्षकों को निलंबित किया गया उनमे हेमंत पटेल, शिक्षक, पूर्व माध्यमिक शाला बरमकेला, दिलीप सिदार, सहायक शिक्षक एलबी प्रा.शा. हास्टलपारा बरमकेला, श्यामा सिदार, प्रधान पाठक प्रा.शा. पुरैना,गिरधारी पटेल, सहायक शिक्षक विज्ञान, शा.क.उमावि, बरमकेला चन्द्रशेखर वैष्णव, व्याख्याता शा.क उ मा वि. बरमकेला, दयासागर प्रधान, व्याख्याता, शा.उ.मा.वि. सांकरा अंजली सिदार, सहायक शिक्षक एलबी, प्रा.शा.कनकीडीपा, लोकनाथ साहू सहायक शिक्षक, एलबी प्रा.शा.भंवरपुर, युवधेश पटेल, सहायक शिक्षक एलबी, प्रा.शा बुन्देली शामिल हैं।

इस जिले में भी सामूहिक नक़ल का मामला उजागर

नक़ल के लिए कुख्यात रहे जांजगीर जिले से अलग होकर जिला बने सक्ती में भी नक़ल की खबर आयी है। यहां कुछ मीडिया कर्मियों ने छपोरा इलाके में स्थित उच्चतर माध्यमिक स्कूल में सामूहिक नक़ल का मामला उजागर किया है। जहां चिट, किताब से लेकर मोबाइल फोन का इस्तेमाल पेपर सॉल्व करने के लिए किया जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक परीक्षा के सुपरवाइजर, टीचर और सेंटर हेड पेपर सॉल्व कराने के लिए पैसे लेते हैं, जिसके बाद उन्हें चीटिंग मटेरियल दिया जाता है। यह मामला 14 मार्च को राज्य ओपन बोर्ड की 10वीं को हुई विज्ञान की हुई विज्ञान की परीक्षा का बताया जा रहा है।

पेपर हल कराने चलता है पूरा नेटवर्क

रिपोर्ट के मुताबिक परीक्षा केंद्र में जाने से पहले स्टूडेंट्स से पैसे लिए जाते हैं। पैसे देने वाले स्टूडेंट्स अपने साथ सेंटर में मोबाइल, चिट और किताबें ले जाते हैं, और परीक्षा देते हैं। इतना ही नहीं, इतने सारे इंतजाम के बाद भी अगर स्टूडेंट पेपर में आए सवालों को हल नहीं कर पाते तो वो सवाल की फोटो खींचते हैं और बाहर बैठे अपने दोस्त और परिचितों को भेजते हैं। फिर वो सवाल का जवाब ढूंढते हैं और उन्हें चिट या मोबाइल से फोटो लेकर भेज देते हैं।

कवरेज कर रहे पत्रकार को पीटा

सक्ती जिले के छपोरा इलाके में स्थित उच्चतर माध्यमिक स्कूल में चल रही छत्तीसगढ़ राज्य ओपन बोर्ड की 10वीं की साइंस की परीक्षा 14 मार्च के दिन थी। जब स्थानीय पत्रकारों को परीक्षा में हो रही नकल की जानकारी मिली तब वे रिपोर्टिंग करने के लिए पहुंच गए। एक पत्रकार ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने नकल को लेकर सवाल उठाए तो केंद्र में मौजूद टीचर्स ने उन्हें जमकर पीटा। इतना ही नहीं जिस मोबाइल से वो वीडियो बना रहा थे, उसे भी तोड़ दिया गया।

मुंगेली जिले में भी मामला हुआ था उजागर

गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले ही मुंगेली जिले के लोरमी के पास स्थित राम्हेपुर एन के सरकारी स्कूल में सामूहिक नक़ल की वहीं परीक्षा दे रही छात्रा ने शिकायत कर दी। यहां कलेक्टर द्वारा कराइ गई जांच के बाद केंद्राध्यक्ष को छोड़कर सभी पर्यवेक्षकों को हटा दिया गया। सबसे बड़ा सवाल यह है कि यहां के केंद्राध्यक्ष को क्यों बख्श दिया गया, जबकि उसके संरक्षण में ही यहां नक़ल चल रहा था।

परीक्षा से पहले हो जाती है पूरी सेटिंग

सवाल यह उठता है कि बोर्ड परीक्षा में इस तरह के सामूहिक नक़ल के मामले आखिर सामने आते ही क्यों हैं ? सच तो यह है कि नकल कराने के लिए जिला और ब्लॉक स्तर पर ही विशेष शिक्षकों का चयन करते हुए उनकी संबंधित केंद्रों में ड्यूटी लगाई जाती है। केंद्राध्यक्ष भी आसपास के स्कूलों से ही लाया जाता है। ड्यूटी के लिए पर्यवेक्षकों की सूची जिला स्तर पर तैयार की जाती है और इसमें पसंदीदा शिक्षकों का चयन आसान हो जाता है। कायदे से पर्यवेक्षक और केंद्राध्यक्ष की ब्लॉक से कहीं दूर के केंद्रों में ड्यूटी लगाई जानी चाहिए, मगर कई केंद्रों में तो पर्यवेक्षक भी उसी स्कूल के लगा दिए जाते हैं और दिखावे के लिए आसपास के स्कूल से केंद्राध्यक्ष की ड्यूटी लगा दी जाती है। मुंगेली के राम्हेपुर स्कूल में ऐसा ही मामला सामने आया था।

माध्यमिक शिक्षा मंडल को ऐसे कठोर उपाय करने होंगे जिससे नक़ल की प्रवृत्ति पर रोक लगे और प्रतिभावान छात्रों की काबिलियत सामने आ सके। अन्यथा दूसरा ‘पोराबाई कांड’ होने से रोका नहीं जा सकेगा।