बिलासपुर। न्यायधानी में कलेक्ट्रेट में पदस्थ सिटी मजिस्ट्रेट द्वारा कथित तौर पर किये गए अन्याय के खिलाफ वकीलों ने डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट (DM) से शिकायत की है। आरोप है कि सिटी मजिस्ट्रेट अपने कोर्ट पहुंचे ही नहीं और सभी मामलों की फाइल घर पर मंगा ली। उन्होंने वहीं से बिना दलील सुने सबकी जमानत अर्जी खारिज कर सभी को जेल भेजने का आदेश दे दिया।

अधिवक्ता प्रियंका शुक्ला के साथ वकीलों ने सिटी मजिस्ट्रेट की शिकायत जिला दण्डाधिकारी से की है। इसमें बताया गया कि 17 अप्रैल को सिटी मजिस्ट्रेट अरुण खलको की कोर्ट में सप्पू कुर्रे को 151, 107, 116 के तहत हथकड़ी के साथ पेश किया गया। उसके खिलाफ पहले का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था, फिर भी पुलिस उसे शाम 7 बजे कोर्ट लेकर आई। कुछ अन्य आरोपियों को भी पुलिस इसी तरह की धाराओं में गिरफ्तार कर मजिस्ट्रेट कोर्ट लेकर आई थी। कोर्ट में मजिस्ट्रेट मौजूद नहीं थे। काफी देर इंतजार के बाद जब मजिस्ट्रेट नहीं पहुंचे तो वकीलों ने वहां मौजूद बाबू से मांग की कि अभियुक्तों को किसी दूसरे मजिस्ट्रेट के सामने प्रस्तुत किया जाए। पर बाबू ने कहा कि नहीं, इसी कोर्ट में मामला सुना जाएगा। इसके बाद वह सभी की फाइल लेकर कोर्ट से सिटी मजिस्ट्रेट के घर चला गया।

सिटी मजिस्ट्रेट के घर से बाबू रात 8 बजे फाइल लेकर वापस लौटा, जिसमें सबकी जमानत अर्जी मजिस्ट्रेट ने खारिज कर दी थी। वकीलों की अनुपस्थिति में, उनकी दलील सुने बिना एकतरफा धारा 151 जैसे मामले में जेल भेजने का वकीलों ने विरोध दर्ज कराया है। जिला दंडाधिकारी (कलेक्टर) से मांग की गई है कि सिटी मजिस्ट्रेट कोर्ट में इस प्रकार की गतिविधियों को तत्काल रोका जाए तथा उचित कार्रवाई की जाए।