अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक शर्मा की पत्रकार वार्ता
रायपुर । अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक शर्मा ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय रायपुर में पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुये कहा कि प्रदेश में 9 में से 7 सांसद की टिकट काटकर भाजपा ने सबसे पहले ही हार मान ली थी, कि छत्तीसगढ़ के भाजपा सांसदों ने संसद में कभी आवाज नहीं उठाई। टिकट काटने से यह सिद्ध कर दिया। छत्तीसगढ़ से संसद तक नकारा थे। इसलिये छत्तीसगढ़ के 9 में से 7 सांसदो का टिकट काट दिया गया। कांग्रेस पार्टी का चुनाव का प्रचार सकारात्मक मोड पर है और छत्तीसगढ़ में विधानसभा का चुनाव भी हमने सकारात्मक मोड पर लड़ा था।
प्रधानमंत्री जो वायदे दिसंबर के चुनाव में किये उसमें से कितने वादे पूरे हुये है? 3100 रू. एमएसपी एकमुश्त देने की बात की नहीं दिये। कांग्रेस सरकार के ऊपर तमाम आरोप लगाये थे कोई भी वाइट पेपर या किसी भी तरह के कार्यवाही जांच कही भी शुरू किया था और अभी तक कुछ भी नहीं किया। भारतीय जनता पार्टी को छत्तीसगढ़ की जनता से माफी मांगना चाहिये। झूठ बोलकर विकास शील छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार को षडयंत्र पूर्वक हटाने का काम किया।
भाजपा की 15 साल की सरकार में नक्सलवाद बढ़ा। नक्सलवाद बढ़ते-बढ़ते एक दर्जन से ज्यादा जिलों में फैलता चला गया। वर्तमान में भाजपा के लीडर स्वंय सुरक्षित नहीं है। कई बड़े नेताओं की हत्या नक्सलवाद के चलते हुयी। 2013 में कांग्रेस के कई दिग्गज बड़े-बड़े नेताओं हमारे कुनबे का बहुत बड़ा हिस्सा नक्सलवाद से लड़ाई करते हुये भेट चढ़ा। फिर छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार आने के बाद नक्सलवाद और अपराध दोनो चीजे बढ़ती जा रही है। अपराध और नक्सलवाद दोनों को एक रिमोर्ट कंट्रोल सरकार कहीं न कहीं से बढ़ावा दे रही है और उसको रोक नहीं पा रही है। कांग्रेस आरोप लगाती है कि इसकी जांच होनी चाहिये कि नक्सली घटनायें क्यों बढ़ रही है।
यहां के लोगों को गृहमंत्री अमित शाह को चिट्ठी क्यों लिखनी पड़ रही है। कांग्रेस पार्टी का एक नारा है सुरक्षा भी देंगे, विश्वास भी लायेंगे और विकास भी करेंगे। भाजपा की सरकार आने के बाद आज विकास भी गायब हो गया है, विश्वास और सुरक्षा भी गायब हो गया है। छत्तीसगढ़ एक शांति प्रिय प्रदेश रहा है। उसमें दोबारा से अशांति और विद्वेष घोलने का काम जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी की सरकार कर रही है, जो प्रदेश के लिये सबसे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण है।
भाजपा ने किसानों के साथ छलावा किया। कृषि उपकरणो में जीएसटी लगा दी गयी, जिससे किसान की आय और कम हो गयी। छत्तीसगढ़ पूरी तरह से किसान प्रधान प्रदेश है। किसानों के ऊपर चौतरफा मार लगी। 2014 में टमाटर का बीज 20 से 22 हजार रू. किलो था आज वो डेढ़ लाख तक चला गया है। छत्तीसगढ़ पूरे देश को लोहा सप्लाई करते है। ट्रेक्टर के पार्टस, लोहा जो पहले 30 से 31 रू. किलो था जो कृषि के उपकरण है आज 60 से 70 रू. प्रति किलो से कम उसकी कास्टिंग नहीं आ रही है।
मोदी ने नारा दिया था 2022 में किसानों की आय दुगुनी होने का, डबल होने का, लेकिन आज हालात यह है कि 32 रू. से घटकर जो आय है वो आज 27 रू. प्रति किसान, प्रति व्यक्ति, प्रति दिन पर आ गयी। यह हमारे आकंडे नही है, यह सरकारी आकड़े है। किसानो के उपर कर्जा लगभग 10 सालों में 2 दुना हो गया। 47 हजार रू. से बढ़कर लगभग-लगभग 93 हजार रू. प्रति किसान का कर्जा बढ़ गया। छत्तीसगढ़ किसान मेहनत भी अधिक करते है और उपज भी ज्यादा पैदा करते है और जब किसानों के उपर कर्जा बढ़ता है तो सीधा-सीधा केन्द्र सरकार के नीतियों का कुप्रभाव है।
एक तरफ छत्तीसगढ़ में अपराध बढ़ रहे दूसरी तरफ भयंकर बेराजगारी बढ़ रही है। छत्तीसगढ़ में 11 में से 9 सांसद भाजपा के है। छत्तीसगढ़ के भाजपा सांसदों ने कभी भी जनता के मुद्दो के लिये आवाज नही उठायी। छत्तीसगढ़ का जीएसटी का पैसा जो केन्द्र सरकार देती है, जो राज्य की हिस्सेदारी होती है, भाजपा के किसी भी सांसद ने हिम्मत नही दिखाई कि वित्तमंत्री, प्रधानमंत्री से मांग करे कि छत्तीसगढ़ के हिस्से का पैसा मिल सके।
मोदी जी ने कहा था 2 करोड़ रोजगार, हर खाते में 15 लाख, किसानों की आयु दुगुनी ये सब जुमला था। छत्तीसगढ़ में पिछले 5 साल कांग्रेस सरकार में किसान, युवा, महिला सभी वर्ग खुश थे। धान और तेंदूपत्ता की समर्थन मूल्य में खरीदी हुयी। बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता मिला। छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार आने से सब योजनायें बंद हो गयी। छत्तीसगढ़ में 15 साल भाजपा के शासनकाल से लोग परेशान हो गये थे। अब भाजपा की सरकार बन गयी है जो रिमोट कंट्रोल से चल रही है।
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