रायपुर। छत्तीसगढ़ में आज जारी किये गए 10वीं -12वीं के परिणाम में उल्लेखनीय बात यह रही कि टॉप टेन में आने वाले अधिकांश बच्चे स्वामी आत्मानंद इंग्लिश और हिंदी मीडियम स्कूल के निकले। 10 वीं कक्षा के 59 बच्चों ने, तो वही 12 वीं के 20 बच्चों ने टॉप 10  में जगह बनाई है।

बालिकाएं रहीं काफी आगे…

हाईस्कूल में 75.61 प्रतिशत परीक्षार्थी पास हुए जिसमें बालिकाओं का प्रतिशत 79.35 तथा बालकों का प्रतिशत 71.12 रहा। इसी तरह हायर सेकण्डरी में 80.74 प्रतिशत विद्यार्थी पास हुए जिसमें बालिकाओं का प्रतिशत 83.72 और बालकों का प्रतिशत 76.91 रहा।

अधिकांश टॉपर इस स्कूल से

परीक्षा परिणाम में एक चीज जो सामान्य तौर पर देखी गई, वो था एक ही स्कूल का नाम स्कूल, ये नाम है स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल का, प्रदेश में 10 वीं के 59 बच्चों ने टॉप टेन में अपनी जगह बनाई है, जिसमें 21 बच्चे स्वामी आत्मानंद स्कूल के है, तो वहीं 12वीं में 20 बच्चों ने टॉप 10 में जगह बनाई, जिसमें 7 बच्चे स्वामी आत्मानंद स्कूल के है। जशपुर में संचालित स्वामी आत्मानंद स्कूल में कक्षा 10 वीं की छात्रा सिमरन सबा ने 99.5% अंक पाकर पूरे प्रदेश में टॉप किया है।

कांग्रेस की सरकार ने शुरू किया था यह स्कूल…

दरअसल पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने प्रदेश में बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिहाज से स्वामी आत्मानंद स्कूल शुरू किया था, जिसमें पहले सिर्फ इंग्लिश मीडियम फिर बाद में हिंदी मीडियम में भी यह स्कूल खोला गया। योजना की शुरुआत 1 नवंबर 2020 को राज्य निर्माण दिवस पर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने की थी। राज्य सरकार के इस प्रयास का फायदा जिला मुख्यालयों और विकासखंड स्तर पर बड़ी संख्या में गरीब और कमजोर वर्ग के प्रतिभावान बच्चों को मिल रहा है। पालकों के मुताबिक इन स्कूलों में शिक्षा का बेहतर माहौल मिल रहा है, और इस वजह से स्कूल लोकप्रियता हासिल कर रहा है। तब की राज्य सरकार का कहना था कि इस योजना का लक्ष्य छत्तीसगढ़ में ऐसे शिक्षण संस्थानों की स्थापना करना है, जिनमें निजी स्कूलों के बराबर सुविधाएं हों, वहीं समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के माता-पिता के बच्चों के लिए अच्छी अंग्रेजी शिक्षा भी सुलभ हो सके।

नाम बदलने की चर्चा जोरों पर…

बताते चलें कि पूर्व की कांग्रेस सरकार द्वारा शुरू किये गए स्वामी आत्मानंद स्कूलों का वर्तमान की भाजपा सरकार द्वारा संचालन जारी रखा गया है, मगर यह चर्चा सरगर्म है कि चुनाव के बाद सरकार इस स्कूल का नाम बदल देगी। दरअसल पूर्व से संचालित सरकारी स्कूलों का नाम बदलकर आत्मानंद स्कूल खोले गए थे, जबकि इनमें से कई स्कूल पूर्व में महापुरुषों के नाम से संचालित थे। तब इसका विरोध भी हुआ था, मगर विवाद को शांत करते हुए कुछ स्थानों पर पुराने और नए दोनों नामों को जोड़ दिया गया। संभव है कि इसी बहाने भाजपा सरकार आत्मानंद स्कूल के नाम में परिवर्तन करे। बहरहाल सभी को इंतजार है इस बात का कि वर्तमान सरकार कुछ बदलाव करने का फैसला करती है या फिर यूं ही सब कुछ चलता रहेगा।