रायपुर। IPS जी.पी.सिंह को सेवा के जबरिया रिटायर करने के आदेश को खारिज किये जाने के बाद उनकी बहाली पर विचा-विमर्श शुरू हो गया है। इस संबंध में विधि विभाग से राय मांगे जाने की जानकारी सामने आयी है।

गौरतलब है ‘CAT’ ने एडीजी रैंक के अफसर जी.पी.सिंह को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने के आदेश को खारिज कर दिया है। भूपेश सरकार की अनुशंसा पर 94 बैच के आईपीएस जी.पी.सिंह को करीब डेढ़ साल पहले रिटायर कर दिया गया था। उनके खिलाफ राजद्रोह का भी प्रकरण था जिस पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। कैट ने जी.पी.सिंह को बहाल करने के आदेश दिए हैं। इसके बाद राज्य सरकार कैट के आदेश का परीक्षण कर रही है। सूत्रों के मुताबिक विधि विभाग से परामर्श लिया जा रहा है।

हालांकि जबरिया रिटायर किए गए दो आईपीएस अफसर ए.एम.जूरी, और के.सी.अग्रवाल को भी बहाल किया गया था। मगर जी.पी.सिंह का प्रकरण उनसे अलग है। उनके खिलाफ पिछली सरकार में आपराधिक प्रकरण भी दर्ज हुए थे।

केंद्र से भी लिया जायेगा मार्गदर्शन

पता चला है कि राज्य सरकार इस मामले में केन्द्र से मार्गदर्शन मांगने की तैयार कर रही है। इससे पहले पूर्व प्रमुख सचिव बी.एल.अग्रवाल के प्रकरण में भी कैट ने बहाली के आदेश दिए थे, लेकिन इसको केन्द्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी। इसके बाद उनकी बहाली रूक गई थी। मगर जी.पी.सिंह के मामले में राज्य सरकार का रूख सकारात्मक है, और चर्चा है कि सरकार बहाली के लिए केन्द्र को लिख सकती है। माना जा रहा है कि जी.पी.सिंह के प्रकरण पर जल्द फैसला हो सकता है।