CID क्राइम ब्रांच टीम ने प्रवीण मिश्रा को भरुच के अंकलेश्वर से किया अरेस्ट
नई दिल्ली। कथित तौर पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी (ISI) के लिए जासूसी करने के आरोप में GICD मे तैनात इंजीनियर को गुजरात की CID क्राइम ब्रांच की टीम ने बिहार के मुजफ्फरपुर निवासी प्रवीण मिश्रा को भरुच के अंकलेश्वर से अरेस्ट किया है।

आरोपी प्रवीण मिश्रा हनीट्रैप के शिकार के बाद रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) की ओर से बनाए गए ड्रोन की महत्वपूर्ण जानकारी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के साथ शेयर किया करता था। अब वह खुद को ‘ हनी ट्रैप’ में फंसना बता रहा है। उसने ISI एजेंट सोनल गर्ग के संपर्क में आकर उसने इस काम को अंजाम दिया। पुलिस ने बताया कि आरोपी की पहचान प्रवीण मिश्रा के रूप में हुई है। जो कि बिहार का रहना वाला है।
खुफिया एजेंसी को भेजी थी जानकारी
बताया गया कि प्रवीण मिश्रा भरूच जिले के अंकलेश्वर का रहने वाला था और डीआरडीओ के साथ काम कर चुका था। वो वॉट्सऐप और ऑडियो कॉल के जरिए पाकिस्तान में बैठे ऑपरेटर से संपर्क करता था। सीआईडी का कहना है कि वह देश के खिलाफ आपराधिक साजिश को अंजाम देने के लिए एक पाकिस्तानी खुफिया ऑपरेटर के संपर्क में था और उसके जरिए देश से जुड़ी खूफिया जानकारी पाकिस्तान में एक खुफिया एजेंसी को भेजी जा रही थी।
एजेंट ने प्रवीण मिश्रा को हनी ट्रैप में फंसा कर कई खूफिया जानकारी निकलवाई और उसके ऑफिस सर्वर पर मैलवेयर इंस्टॉल करने का भी प्रयास किया। वहीं बताया गया कि आरोपी प्रवीण मिश्रा के खिलाफ आईपीसी की धारा 123, IT अधिनियम और साजिश अपराथ के तहत मामला दर्ज किया है और आगे की जांच जारी है।
बताया कि सुरक्षा एजेंसियों ने सीआईडी को सुरक्षा बलों के वर्तमान या रिटायर्ड कर्मचारियों के बारे में सतर्क किया था। सीआईडी ने कहा कि डीआरडीओ, एचएएल और मिसाइल प्रणाली के विकास के अनुसंधान और विकास से जुड़े कर्मचारियों का इस्तेमाल गोपनीय जानकारी प्राप्त करने के लिए किया जा रहा है।
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