बिलासपुर। हेड कांस्टेबल की आत्महत्या के मामले में आरोपों के घेरे में आए प्रशिक्षु डीएसपी रोशन आहूजा को एसपी ने थाने के प्रभार से हटा दिया है। आदिवासी समाज ने उनके खिलाफ प्रताड़ना की मांग करते हुए FIR दर्ज करने की मांग कर रहा है।

सरकंडा थाने के मालखाने के प्रभारी लखन मेश्राम ने बीते 2 मई की रात अपने घर के बाहर जाकर एक पेड़ में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी। काल डिटेल व थाने के स्टाफ से पूछताछ से यह बात सामने आई है कि प्रशिक्षु डीएसपी रोशन आहूजा जो सरकंडा थाना प्रभारी के पद पर थे, ने हवलदार को फटकार लगाई थी। उनके बीच घटना के दिन कई बार फोन पर बात भी हुई थी। प्रशिक्षु डीएसपी ने हवलदार से बातचीत को तो स्वीकार किया है लेकिन डांट-फटकार से इंकार किया है।

इस मामले में आदिवासी समाज ने पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर आहूजा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी। अब आहूजा को सरकंडा थाने के प्रभारी पद से हटाकर सीएसपी सिविल लाइन कार्यालय में पदस्थ किया गया है। हालांकि उक्त घटना के पहले ही सरकंडा थाने में उनके प्रशिक्षण की अवधि समाप्त हो चुकी थी।

परिजनों ने प्रशिक्षु DSP पर लगाया था प्रताड़ना का आरोप

बताया जाता है कि, कुछ दिनों पहले ही लखन मेश्राम को मालखाने की जवाबदारी मिली थी। तब से ही उन पर काम को लेकर काफी दबाव था और उन्हें कभी भी फोन कर थाने बुलाया लिया जाता था। परिजनों ने आरोप लगाया कि घटना से एक दिन पहले ही सरकंडा थाने के टीआई (प्रशिक्षु डीएसपी) ने जब्त माल को कोर्ट में जमा करने के नाम पर लखन मेश्राम को जमकर फटकार लगाई थी।