रांची। झारखण्ड के 3000 करोड़ रुपये के टेंडर कमीशन घोटाला मामले में पूछताछ के लिए IAS मनीष रंजन ईडी कार्यालय पहुंचे हुए हैं। उन्‍हें मंत्री आलमगीर आलम के सामने बिठाकर पूछताछ किया जाना है। वह ईडी के दूसरे समन पर पहुंचे हुए हैं। ईडी की अब तक की जांच में यह बात सामने आई है मनीष रंजन के निर्देश पर भी टेंडर में कमीशन की वसूली हुई है। मनीष रंजन वर्तमान में भू-राजस्व सड़क व भवन निर्माण विभाग में सचिव हैं।

मंत्री आलमगीर हैं ED की गिरफ्त में

मंत्री आलमगीर आलम 30 मई तक के लिए ईडी की रिमांड पर हैं। उन्हें ईडी ने 15 मई को पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था। टेंडर पास करने के एवज में कमीशन में मोटी रकम वसूलने के मामले में उनकी संलिप्तता सामने आई थी।

ईडी यह चाहती है कि जांच में आए तथ्यों का मंत्री आलमगीर आलम व आइएएस मनीष रंजन के सामने सत्यापन करवाया जाय। मंत्री आलमगीर व सचिव मनीष रंजन को आमने-सामने बैठाने के उद्देश्य से ही ईडी ने कोर्ट से मंत्री की रिमांड अवधि को बढ़ाने का आग्रह किया था।

इस तरह IAS मनीष का नाम हुआ उजागर

गौरतलब है कि इसी महीने ईडी ने ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री आलमगीर आलम, उनके निजी सचिव संजीव लाल व संजीव लाल के नौकर जहांगीर आलम को गिरफ्तार किया है।

इन सबसे जुड़े ठिकानों से ईडी ने करीब 37.5 करोड़ रुपये नकदी के अलावा भारी मात्रा में लेन-देन से संबंधित दस्तावेज, डिजिटल उपकरण आदि बरामद किया था।

इन सभी दस्तावेजों की छानबीन, रुपयों के बारे में आरोपितों से पूछताछ में यह बात सामने आई है कि इस कमीशन गैंग में मनीष रंजन भी शामिल थे, जिनके निर्देश पर भी टेंडर में कमीशन की वसूली हुई है।