नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति भवन में अपनी नई कैबिनेट के साथ शपथ ली है। मोदी सरकार 3.0 में कुल मंत्रियों की संख्या 72 हैं, जिसमें 30 मंत्री कैबिनेट का हिस्सा हैं। नई कैबिनेट में करीब एक दर्जन मंत्री राज्यसभा से हैं।

इस बार मोदी कैबिनेट में कई सरप्राइज फैक्टर भी देखने को मिले हैं, जैसे दो चेहरे ऐसे हैं जिन्हें लोकसभा चुनाव में हार मिली है मगर इसके बावजूद उन्हें मंत्रिमंडल में जगह मिली है. इसके अलावा 11 चेहरे ऐसे हैं जो चुनाव नहीं लड़े लेकिन फिर भी उन्हें मंत्री बनाया गया है। ये सभी अलग-अलग राज्यों से राज्यसभा सदस्य हैं।
इन हारे हुए नेताओं को मिली जगह
एल मुरुगन- बीजेपी के राज्यसभा सांसद एल मुरुगन ने अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित नीलगिरि निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन डीएमके नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री डी राजा से 240585 वोटों से चुनाव हार गए थे। मुरुगन मोदी 2.0 में भी राज्य मंत्री रहे हैं और तब उन्हें पशुपालन, डेयरी और सूचना प्रसारण राज्य मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। वह भारतीय जनता पार्टी की तमिलनाडु इकाई के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं। अपने कॉलेज के दिनों से ही वह संघ के स्वयंसेवक रहे हैं। 2017 से 2020 तक राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) के उपाध्यक्ष भी रहे हैं।
रवनीत सिंह बिट्टू- लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी में शामिल हुए पूर्व कांग्रेस सांसद रवनीत बिट्टू को भी मोदी कैबिनेट में जगह मिली है। रवनीत सिंह बिट्टू पंजाब से आते हैं और उन्होंने लुधियाना से लोकसभा चुनाव भी लड़ा लेकिन कांग्रेस के अमरिंदर सिंह राजा वारिंग के हाथों 20942 वोटों से शिकस्त का सामना करना पड़ा. ऐसे में उन्हें राज्यसभा से संसद में भेजा जाना तय है।
जॉर्ज कुरियन- जॉर्ज कुरियन केरल बीजेपी के महासचिव हैं जिन्होंने रविवार को मंत्री पद की शपथ ली। गौर करने वाली बात ये है कि वह अभी तक किसी भी सदन (राज्यसभा/लोकसभा) के सदस्य नहीं हैं। त्रिशूर से सांसद सुरेश गोपी के अलावा केरल से दूसरे मंत्री बनाए गए हैं।
ये सभी 12 सांसद राज्यसभा से
मोदी कैबिनेट में एक दर्जन मंत्री ऐसे हैं जो राज्यसभा से आते हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर तक इस सूची में शामिल है। तो आईए जानते हैं मोदी 3.0 में कौन से मंत्री ऐसे हैं जो चुनाव लड़े बिना ही सीधे मंत्री बने हैं।
अश्विनी वैष्णव- अश्विनी वैष्णव मोदी 2.0 में भी कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं और उन्होंने इस दौरान रेल मंत्री रहने के साथ इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय संभाला था। वह ओडिशा से राज्यसभा सदस्य हैं। 1994 बैच के आईएएस अफसर रहे वैष्णव अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान पीएमओ में उपसचिव रहे हैं। उन्होंने 2010 में आईएएस की नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। बाद में वह राज्यसभा सांसद चुने गए।
निर्मला सीतारमण – निर्मला सीतारमण ने एक बार फिर मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री की शपथ ली। वह कर्नाटक से राज्यसभा सांसद हैं। 2006 में वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा BJP) में शामिल हुईं और 2010 में उन्हें पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता के रूप में नियुक्त किया गया। 31 मई 2019 को कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री और भारत के 28वें वित्त मंत्री के रूप में शपथ ली थी। उन्होंने भारत की दूसरी महिला रक्षा मंत्री के रूप में भी काम किया है।
सुब्रह्मण्यम जयशंकर- एस जयशंकर ने जनवरी 2015 से जनवरी 2018 तक विदेश सचिव के रूप में कार्य किया है। वह 1977 में भारतीय विदेश सेवा में शामिल हुए और 38 वर्षों से अधिक के अपने राजनयिक करियर के दौरान, उन्होंने 2007 से 2009 तक सिंगापुर में उच्चायुक्त, 2001 से 2004 तक चेक गणराज्य, 2009 से 2013 तक चीन और 2014 से 2015 तक संयुक्त राज्य अमेरिका में चेक गणराज्य में राजदूत रहे। 5 जुलाई 2019 को, उन्हें गुजरात राज्य से राज्यसभा सांसद चुना गया। इसके बाद उन्हें विदेश मंत्री बनाया गया।
जेपी नड्डा- जेपी नड्डा ने भी मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली है. वह हिमाचल प्रदेश से राज्यसभा सांसद हैं। 2020 से भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं और उनका कार्यकाल इसी महीने खत्म हो रहा है। इससे पहले वह जून 2019 से जनवरी 2020 तक भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष थे। नड्डा पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री और हिमाचल प्रदेश से राज्यसभा के सदस्य और भारतीय जनता पार्टी के संसदीय बोर्ड सचिव रह चुके हैं। पहले वह हिमाचल प्रदेश सरकार में मंत्री भी थे।
हरदीप सिंह पुरी- हरदीप सिंह पुरी 1974 बैच के भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी रहे हैं जिन्होंने इस बार भी कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली है। उन्होंने 2009 से 2013 तक संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि के रूप में कार्य किया। 2014 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हुए और उत्तर प्रदेश से राज्यसभा में सांसद बने। मई 2019 में, उन्होंने आवास और शहरी मामलों और नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला था। मोदी कैबिनेट 2.0 में वह पेट्रोलियम मंत्री रहे ।
रामदास अठावले- रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया अठावले [आरपीआई (ए)] के अध्यक्ष रामदास अठावले ने राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली है। वह एनडीए के सहयोगी हैं और महाराष्ट्र से राज्यसभा सदस्य हैं। वह मोदी सरकार के पहले औऱ दूसरे कार्यकाल में भी राज्य मंत्री रहे हैं।
रामनाथ ठाकुर- जेडीयू कोटे से राज्यसभा सांसद रामनाथ ठाकुर भी मोदी सरकार में राज्य मंत्री बने हैं। भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर के बेटे रामनाथ ठाकुर नीतीश कुमार के करीबी माने जाते हैं और अति पिछड़े समाज से आते हैं। 1989 से 1995 तक बिहार विधान परिषद के सदस्य रहे है। नीतीश सरकार में मंत्री रहे ठाकुर विधायक भी रहे हैं।
जयंत चौधरी- राज्यसभा सदस्य एवं राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) के अध्यक्ष जयंत चौधरी को राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार की जिम्मेदारी दी गई है। मोदी 2.0 सरकार ने आम चुनावों से ठीक पहले जयंत चौधरी के दादा और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न से नवाजा था। जयंत ने इसके लिए केंद्र का आभार जताया था और इंडिया ब्लॉक को झटका देते हुए भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में शामिल हो गए थे। उन्हें गठबंधन के तहत दो सीटें मिली थी और दोनों सीटों (बागपत औऱ बिजनौर) पर उन्होंने जीत हासिल की थी।
एल मुरुगन- बीजेपी के राज्यसभा सांसद एल मुरुगन ने राज्य मंत्री पद की शपथ ली है। उन्होंने तमिलनाडु की नीलगिरि सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन डीएमके नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री डी राजा से 240585 वोटों से चुनाव हार गए थे। मुरुगन मोदी 2.0 में भी राज्य मंत्री रहे हैं और तब उन्हें पशुपालन, डेयरी और सूचना प्रसारण राज्य मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। वह भारतीय जनता पार्टी की तमिलनाडु इकाई के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं।
सतीश दुबे – बीजेपी नेता सतीशचंद्र दुबे बिहार से राज्यसभा सांसद हैं जिन्होंने मोदी कैबिनेट में राज्य मंत्री पद की शपथ ली। वह 2019 में राज्यसभा के लिए चुने गए थे और जुलाई 2022 में वह फिर से चुनकर राज्यसभा पहुंचे। सतीशचंद्र दुबे 2005 से 2014 के बीच तीन बार बिहार विधानसभा के सदस्य भी रह चुके हैं। सतीश चंद्र दुबे 16 वीं लोकसभा चुनाव में वाल्मीकिनगर से सांसद चुने गए थे।
पवित्रा मार्गेरिटा- पवित्रा मार्गेरिटा मार्च 2022 से राज्यसभा मार्गेरिटा असम से बीजेपी के राज्यसभा सांसद हैं। 2014 में वह असम भाजपा के प्रवक्ता बने। उन्होंने असम भाजपा के सोशल मीडिया सेल के प्रभारी और कामरूप (उत्तर) जिला भाजपा के जिला प्रभारी के रूप में भी काम किया था।