बलौदाबाजार/रायपुर।  छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार में सतनामी समुदाय के प्रदर्शन के दौरान सोमवार को जमकर हंगामा हुआ। लोगों ने कलेक्ट्रेट में खड़ी गाड़ियों में तोड़फोड़ की। इसके बाद भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया। पथराव और गाड़ियों में तोड़फोड़ के बीच कुछ लोगों ने कलेक्ट्रेट परिसर में आग लगा दी गई। पुलिस और कर्मचारियों के साथ झड़प भी हुई। इसके बाद मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी भाग निकले। इस घटना में सबसे अहम बात यह सामने आई है कि बलौदाबाजार में लॉ एंड ऑर्डर कंट्रोल करने में प्रशासन पूरी तरह नाकाम रहा है। प्रदर्शनकारी पांच दिनों से उग्र प्रदर्शन की चेतावनी दे रहे थे, लेकिन फिर इस पूरे मामले की गंभीरता को प्रशासन समझ नहीं सका। एलआईबी भी पूरी तरह नाकाम रही। रायपुर आईजी अमरेश मिश्रा और एसएसपी सदानंद कुमार कुछ समझ पाते, उससे पहले ही प्रदर्शन नियंत्रण के बाहर हो गया और इतनी बड़ी घटना को प्रदर्शनकारियों ने अंजाम दे दिया।

मिली जानकारी के अनुसार बीते 17 मई से ही समुदाय के लोगों का शांतिपूर्ण प्रदर्शन चल रहा था। वे लगातार जैतखाम तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे। पुलिस ने इस मामले में 3 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। लोगों का आरोप है कि पकड़े गए लोग असली आरोपी नहीं हैं और पुलिस दोषियों को बचा रही है। बीते 5 दिनों से इस मामले की सीबीआई जांच की मांग कर रहे थे। एक दिन पहले रविवार को गृहमंत्री विजय शर्मा ने न्यायिक जांच की बात कही। उसके अगले ही दिन सोमवार को प्रदर्शन के दौरान लोग सीबीआई जांच की मांग को लेकर लेकर उग्र हो गए। इसके बाद हालात बिगड़ते चले गए और उसे संभालने की सही तरह से कोशिश ही नहीं हो सकी। इतनी बड़ी भीड़ के लिए पर्याप्त बल नहीं लगाए गए। घटना के पहले एसएसपी की तरफ से लॉ एंड ऑर्डर संभालने के लिए कोई गंभीर कोशिश भी नहीं की गई।

सवाल यह उठता है कि जब 5 दिन से उग्र प्रदर्शन की चेतावनी प्रदर्शनकारी दे रहे थे तो गृहमंत्री विजय शर्मा, डीजीपी अशोक जुनेजा, आईजी अमरेश मिश्रा और एसएसपी बलौदाबाजार सदानंद कुमार इस चेतावनी को हल्के में क्यों ले रहे थे? जबकि लोकल स्तर पर वहां इस बात की चर्चा शुरू हो गई थी कि अगर इनकी मांगों को नहीं माना गया या फिर इनके प्रदर्शन को यहीं नहीं रोका गया तो यह उग्र हो सकता है। इसके बाद भी शासन-प्रशासन की तरफ से इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

नारायणपुर में भी सदानंद नहीं समझ पाए थे विरोध और हो गई थी बड़ी घटना

यह पहला मौका नहीं है जब बलौदाबाजार एसएसपी सदानंद कुमार लॉ एंड ऑर्डर कंट्रोल करने में नाकाम रहे हैं। उनका रिकॉर्ड बताता है कि इस तरह के मामले को वे गंभीरता से नहीं लेते। इससे पहले नारायणपुर में धर्मांतरण विवाद को संभालने में वे नाकाम रहे हैं। पिछले साल जनवरी 2023 को धर्मांतरण को लेकर हुए विवाद में पत्थरबाजी और लाठी डंडे चले थे, जिसमें तात्कालीन एसपी सदानंद कुमार खुद घायल हो गए थे। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए बस्तर आईजी सुंदरराज पी मौके पर पहुंचे। सभी को समझाइश दी। बस्तर आईजी पी सुंदरराज, 16 वी वाहिनी कमांडेंट जितेंद्र शुक्ल, कोंडागांव एसपी दिव्यांग पटेल और नारायणपुर कलेक्टर अजित वसन्त ने मिलकर हालात संभाला और बस्तर में बड़ी घटना को बढ़ने से रोक दिया।