NEET UG 2024 Paper Leak: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार 11 जून को NEET UG 2024 पेपर लीक के आरोपों पर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) से जवाब मांगा है। हालांकि, कोर्ट हालांकि, कोर्ट ने मेडिकल कोर्स में दाखिले के लिए चल रही काउंसलिंग प्रक्रिया को रोकने से इनकार कर दिया। ऐसे में फिलहाल मेडिकल कोर्स में दाखिले की प्रक्रिया जारी रहेगी।

कोर्ट ने कहा- परीक्षा की पवित्रता से समझौता हुआ

यह मामला सुनवाई के लिए जस्टिस विक्रम नाथ और संदीप मेहता की अवकाशकालीन पीठ के सामने आया। जस्टिस असमानुल्लाह ने सुनवाई के दौरान कहा, “परीक्षा की पवित्रता से समझौता हुआ है, इसलिए हमें एनटीए से जवाब चाहिए।” इसके बाद, जस्टिस विक्रम नाथ ने नोटिस जारी करते हुए कहा, “एनटीए अपना जवाब दाखिल करेगा और काउंसलिंग प्रक्रिया जारी रहेगी।”

बता दें कि 1 जून को इससे जुडी याचिका दायर की गई थी। इस याचिका में बिहार पुलिस द्वारा नीट यूजी 2024 पेपर लीक के आरोपों की जांच के बाद उठे सवालों का जिक्र है। 4 जून को जब नीट यूजी 2024 के नतीजे घोषित हुए, तो 67 छात्रों के 720/720 का परफेक्ट स्कोर हासिल हुआ था। इसके बाद नतीजों में गड़बड़ी को लेकर संदेह बढ़ गया था। 100 पर्सेंट स्कोर करने वाले 6 छात्र एक ही परीक्षा केंद्र से थे। इसके बाद रिजल्ट जारी करने में अनियमितता होने का मुद्दा गहराने लगा और जांच की मांग की जाने लगी

NTA पर ग्रेस मार्क देने में गड़बड़ी का आरोप

एनटीए पर मिस मैनेजमेंट, ग्रेस मार्क्स देने में गड़बड़ी करने और परीक्षा प्रक्रिया में खामियों के आरोप लगे हैं। इसके चलते बड़ी संख्या में छात्र निष्पक्ष और पारदर्शी ढंग से रिजल्ट जारी करने मांग कर रहे हैं। 10 जून को दिल्ली में छात्रों ने इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन किया। वामपंथी छात्र संगठनों द्वारा आयोजित इस प्रदर्शन में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) के उपाध्यक्ष अविजित घोष ने स्वतंत्र जांच की मांग की थी।

NTA करेगा NEET UG के ग्रेस मार्क्स रिव्यू करेगा

NEET UG ने राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचा दी है। कई नेता भी परीक्षा की प्रामाणिकता पर सवाल उठा रहे हैं और नए सिरे से परीक्षा की मांग कर रहे हैं। इस स्थिति को देखते हुए एनटीए ने घोषणा की है कि शिक्षा मंत्रालय ने 1,500 से अधिक उम्मीदवारों को दिए गए ग्रेस मार्क रिव्यू करने के लिए लिए चार सदस्यीय पैनल का गठन किया है। अब NEET UG परीक्षा में टॉप रैंकिंग वाले छात्रों की संख्या में हुई वृद्धि के कारणों की जांच की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब एनटीए को इन आरोपों पर जवाब देना होगा और काउंसलिंग प्रक्रिया जारी रहेगी।