0 जानिए, क्या है UGC-NET परीक्षा..?

नई दिल्ली। पेपर लीक के संकेत मिलने के बाद नेशनल टेंस्टिंग एजेंसी (NTA) ने दो दिन पहले हुई UGC NET की परीक्षा को रद्द करने की घोषणा की है। देश के अलग-अलग शहरों में ये परीक्षा दो पालियों में OMR (पेन और पेपर) मोड के जरिए हुई थी।
19 जून (बुधवार) को UGC (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग) को भारत के गृह मंत्रालय के अधीन इंडियन साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर की नेशनल साइबर क्राइम थ्रेट एनेलिटिक्स यूनिट के जरिए कुछ इनपुट मिले, जिनसे पता चलता है कि इस परीक्षा की संवेदनशीलता भंग हुई है। जांच में सामने आया कि शिक्षण संस्थाओं के ऑनलाइन चैट फोरम पर यूजीसी नेट के क्वेश्चन पेपर और सॉल्व्ड पेपर के बारे में बातचीत चल रही है। इसको देखते हुए परीक्षा रद्द कर दी गई है।
NTA ने मामला CBI को सौंपा
भारत के शिक्षा मंत्रालय ने अब इस परीक्षा को रद्द करने का फैसला लिया है। ये जानकारी NTA ने एक प्रेस विज्ञप्ति के जरिए दी है। इस पूरे प्रकरण में शिक्षण संस्थाओं, ऑनलाइन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और इंक्रिप्टेड सोशल नेटवर्किंग ग्रुप प्राथमिक तौर पर पूरी तरीके से संदेह के घेरे में है। साथ ही मामले की गहन जांच के लिए प्रकरण सीबीआई को सौंप दिया गया है।

लाखों छात्रों को फिर से देनी होगी परीक्षा
शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि प्रथम दृष्टया उसे परीक्षा में गड़बड़ी के संकेत मिले हैं। मंत्रालय ने बयान जारी कर बताया है कि परीक्षा के अगले ही दिन विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को गृह मंत्रालय के इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर से परीक्षा के बारे में कुछ इनपुट मिले, ये इनपुट प्रथम दृष्टया संकेत देते हैं कि मंगलवार को आयोजित परीक्षा में गड़बड़ी हुई थी। अब स्थिति यह है कि करीब 9 लाख छात्रों को फिर से यह परीक्षा देनी होगी।
क्या है UGC NET परीक्षा ?
देश भर की यूनिवर्सिटीज में जूनियर रिसर्च फेलोशिप (जेJRF) और असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए लाखों बच्चे यह परीक्षा देते हैं। यह परीक्षा साल में दो बार जून और दिसंबर के महीने में होती है। सुबह 9.30 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक और 3 बजे से शाम 6 बजे तक, दो शिफ्टों में हुई इस परीक्षा में कुल 9 लाख 8 हजार 580 बच्चों ने पेपर दिया था।
तीन घंटे की परीक्षा में छात्रों को दो पेपर देने होते हैं। पहला पेपर सबके लिए एक जैसा होता है, वहीं दूसरा पेपर, छात्र जिस विषय को चुनता है, उससे संबंधित होता है। पहले पेपर में छात्रों के लिए 50 सवाल और दूसरे पेपर में 100 सवाल होते हैं। ये सवाल मल्टीपल चॉइस होते हैं, जिन्हें छात्रों को OMR शीट में भरना होता है। इस परीक्षा में सवाल गलत करने पर नंबर नहीं काटे जाते।

देश के 317 शहरों में हुई परीक्षा
यूजीसी के मुताबिक़ जून 2024 के नेट एग्जाम के लिए 317 शहरों में 1205 सेंटर बनाए गए थे। इस परीक्षा के लिए कुल 11 लाख 21 हजार 225 छात्रों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था, लेकिन 81 प्रतिशत छात्र ही परीक्षा देने के लिए पहुंचे। वहीं दिसंबर, 2023 में हुए नेट एग्जाम में कुल 9 लाख 45 हजार 872 छात्रों ने रजिस्ट्रेशन किया था।
परीक्षा रद्द होने के बाद NTA पर उठ रहे हैं सवाल
NEET की तरह ही UGC-NET परीक्षा का आयोजन भी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने किया था। साल 2018 से ही NTA, यूजीसी की तरफ़ से यह परीक्षा आयोजित करवा रही है। पहले यह परीक्षा कंप्यूटर आधारित थी, लेकिन इस साल एजेंसी ने तय किया कि छात्र अलग-अलग सेंटर्स पर एक साथ पेन, पेपर की मदद से यह परीक्षा देंगे।
पहले से ही विवादों में है NTA
गौरतलब है कि NEET परीक्षा को लेकर NTA पहले ही सवालों के घेरे में है। देश के मेडिकल कोर्सेज़ में दाखिले के लिए भी परीक्षा एनटीए ने ही करवाई थी, लेकिन चार जून को नतीजे घोषित होने के बाद से उसे मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

NEET परीक्षा करीब 24 लाख छात्रों ने दी थी। इसमें 67 छात्रों को 720 में से 720 नंबर दिए गए थे, वहीं कुछ ऐसे भी छात्र थे जिन्हें 718 या 719 नंबर मिले थे। लोगों ने दावा किया कि एक साथ एक परीक्षा में इतने टॉपर नहीं हो सकते और और 718 और 719 नंबर मिलना संभव नहीं है। लेकिन एनटीए ने तर्क दिया कि जवाब में बदलाव के चलते 1563 छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं, हालांकि जल्द ही यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जहां एनटीए ने कहा कि वह छात्रों को दिए गए ग्रेस मार्क्स रद्द कर रही है। एनटीए ने बताया कि अब इन छात्रों के लिए 23 जून, 2024 को फिर से टेस्ट का आयोजन किया जाएगा।
एजेंसी के मुताबिक जो बच्चे फिर से टेस्ट में शामिल नहीं होना चाहते हैं उनका रिज़ल्ट उनके वास्तविक मार्क्स (बिना क्षतिपूर्ति अंक के) पर आधारित होगा।
इनके अलावा एनटीए ही CMAT और GPAT जैसी परीक्षाएं भी आयोजित कराती है। CMAT देश के प्रबंधन संस्थानों में एडमिशन के लिए और GPAT फार्मेसी संस्थानों में मास्टर्स प्रोग्राम में दाखिले के लिए कराए जाते हैं।
जानिए किनके हाथों में है NTA की बागडोर
फिलहाल एनटीए के प्रमुख यूपीएससी के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप कुमार जोशी हैं। एनटीए की गवर्निंग बॉडी में अध्यक्ष समेत 14 लोग हैं। आईएएस अधिकारी सुबोध कुमार सिंह एनटीए के डायरेक्टर जनरल हैं। साथ ही जेईई एडवांस्ड लेवल परीक्षा पूर्व में कराने वाली और आगे कराने वाली आईआईटी के तीन निदेशक, सेंट्रल सीट एलोकेशन बोर्ड की पूर्व में अध्यक्षता करने वाले एनआईटी के दो निदेशक, कैट परीक्षा की पूर्व में अध्यक्षता करने वाले आईआईएम संस्थानों के दो निदेशक, रोटेशन के आधार पर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन और रिसर्च इंस्टीट्यूट के एक-एक निदेशक, रोटेशन के आधार पर केंद्रीय विश्वविद्यालयों के एक प्रतिनिधि, इग्नू के वाइस चांसलर, नेशनल एसेसमेंट एंड एक्रीडिटेशन काउंसिल के अध्यक्ष, मनोविज्ञान के विशेषज्ञ डॉ. हरीश शेट्टी बोर्ड के सदस्यों में शामिल हैं।