NEET UG Re-Exam: नीट यूजी परीक्षा का रविवार, 23 जून को देश में 7 केंद्रों पर 1563 स्टूडेंट्स के लिए दोबारा आयोजन किया गया। इनमें से कुछ परीक्षा केंद्रों पर एक भी स्टूडेंट पेपर देने नहीं पहुंचा। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने एक बयान में कहा कि 48 फीसदी स्टूडेंट्स परीक्षा देने नहीं पहुंचे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद, जिन 1,563 छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए गए थे, वे दोबारा परीक्षा देने के योग्य थे।

एनटीए द्वारा जारी आंकड़ों से पता चलता है कि कुल 1,563 छात्रों में से 813 (52 प्रतिशत) ने दोबारा परीक्षा दी और 750 छात्र परीक्षा में शामिल नहीं हुए। एनटीए ने छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, मेघालय और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में सात परीक्षा केंद्र खोले थे।

छत्तीसगढ़ में भी 70 बच्चों ने नहीं दिया एग्जाम

नीट यूजी री-एग्जाम का एक सेंटर छत्तीसगढ़ के बालोद और दंतेवाड़ा में भी था। यहां भी बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स ने इस एग्जाम का बहिष्कार किया। जानकारी के मुताबिक, इस सेंटर पर 185 स्टूडेंट्स को री-एग्जाम के लिए पहुंचना था, लेकिन 115 छात्र ही परीक्षा में शामिल हुए जबकि 70 स्टूडेंट्स ने परीक्षा का बायकॉट किया।

बालोद जिला मुख्यालय स्थित परीक्षा केंद्र को बदला गया है। नीट यूजी की परीक्षा इस बार बालोद के दल्लीराजहरा स्थित डीएवी स्कूल में हुई। वहीं दंतेवाड़ा में भी दोबारा परीक्षा आयोजित की गई।

चंडीगढ़ में स्टूडेंट्स ने किया नीट यूजी पेपर का बहिष्कार

नीट यूजी री-एग्जाम देश के 6 शहरों में आयोजित हुआ। कुल 6 सेंटर्स पर आयोजित हुई यह परीक्षा 2 बजे से लेकर शाम 5:20 बजे तक आयोजित हुई। चंडीगढ़ में इस परीक्षा के खिलाफ विरोध भी हुआ। दरअसल, 2 छात्रों ने यहां पेपर का बहिष्कार किया। इन दो ही छात्रों को यहां परीक्षा देनी थी, लेकिन दोनों ही स्टूडेंट्स पेपर देने नहीं पहुंचे।

जानकारी के मुताबिक, चंडीगढ़ के सेक्टर-44 में सेंट जोसेफ सीनियर सेकेंडरी स्कूल में दोपहर 1:30 बजे तक कोई स्टूडेंट पेपर के लिए नहीं पहुंचा। डेढ़ बजे के बाद स्कूल के गेट बंद कर दिए गए।