बिलासपुर। जिले के बेलगहना थाने की पुलिस ने सटोरियों को पकड़ने आमागोहन गांव के पास एक होटल में दबिश दी। इस ऑपरेशन के दौरान तीन सिपाही होटल में घुसकर वहां के कर्मचारियों को बाहर निकालने लगे। इस दौरान दिव्यांग कर्मचारी समसुद्दीन सुन नहीं पाया और बाहर नहीं निकला। इस पर तीनों सिपाही उस पर भड़क गए और हुज्जतबाजी करते हुए उसे होटल से बाहर निकाला, साथ ही उसके साथ जमकर मारपीट भी की। पुलिस की हरकत से नाराज ग्रामीणों ने उन्हें बंधक बना लिया। पुलिस अधीक्षक ने घटना में शामिल एक महिला आरक्षक सहित तीन आरक्षकों को निलंबित कर दिया है।

ग्रामीणों के मुताबिक 9 जुलाई को कोटा थाना क्षेत्र की बेलगहना चौकी के नव आरक्षक हेमंत चंद्राकर, आरक्षक दामोदर सिंह और महिला आरक्षक कोमल तिवारी खोंगसरा के बादल नाम के युवक की होटल में सट्टा चलने की सूचना मिलने पर छापा मारा। होटल में घुसने के बाद उन्होंने सभी कर्मचारियों को बाहर निकल जाने के लिए कहा, लेकिन बादल दिव्यांग होने के कारण समसुद्दीन तत्काल बाहर नहीं आ पाया। इससे नाराज सिपाहियों ने उसे खींचते हुए बाहर किया और पिटाई कर दी।
नाराज ग्रामीणों ने आरक्षकों को बनाया बंधक
दिव्यांग को मारपीट करने से गांव में आक्रोश फैल गया। ग्रामीणों ने तीनों आरक्षको को घेरकर बंधक बना लिया। इसकी सूचना पर थानेदार अपने स्टाफ सहित गांव पहुंचे और ग्रामीणों को समझाइश दिया। जिसके बाद तीनों आरक्षकों को छोड़ा गया।
शिकायत के बाद SP ने किया निलंबित
ग्रामीणों ने इस घटना की शिकायत एसपी से की। एसपी रजनेश सिंह ने इसे गंभीरता से लेते हुए आरक्षक दामोदर सिंह, नव आरक्षक हेमंत चंद्राकर व महिला आरक्षक कोमल तिवारी को निलंबित कर दिया है।
कोटा एसडीओपी नूपुर उपाध्याय ने बताया कि तीनों आरक्षक दामोदर सिंह, आरक्षक हेमंत चंद्राकर व महिला आरक्षक कोमल तिवारी ने सट्टा खिलाने की सूचना पर दबिश दी थी। उस दौरान दिव्यांग मूक-बधिर से झूमाझटकी हो गई। शिकायत पर एसपी ने तीनों आरक्षकों को निलंबित कर दिया है।