रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा और लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद अब कांग्रेस राज्‍य में होने वाले पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव की तैयारी में जुट गई हैं। इसी कड़ी में प्रदेश कांग्रेस के मुख्यालय राजीव भवन में दो दिवसीय बैठक में जिलाध्यक्षों, विधायकों व जनप्रतिनिधियों के साथ हार के कारणों पर चर्चा हुई। साथ ही यह पूछा गया कि क्यों न इस प्रदर्शन पर पदाधिकारियों पर कार्रवाई की जाए। पंचायत और नगनरीय निकाय चुनावों में प्रदर्शन बेहतर करने के लिए पार्टी सुधार की प्रक्रिया शुरू करने जा रही है। इसकी शुरुआत संगठन में बदलाव से करने की योजना है।

सूत्रों के अनुसार बदलाव की इस कड़ी में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी संगठन से बाहर हो सकते हैं। संगठन में पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव व नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत के समर्थकों को जगह मिल सकती है। चुनाव के दौरान पार्टी के भीतर अंतर्कलह की बातें सामने आई, इससे फैक्ट फाइंडिंग टीम भी आश्चर्यचकित रही।

पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार का भ्रष्टाचार बना हार का कारण!

टीम के सामने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के भ्रष्टाचार को भी हार के कारणों में शामिल किया गया। इनके कारण पूर्व मुख्यमंत्री के करीबियों पर गाज गिर सकती है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में एक-एक जिलाध्यक्ष से सवाल- जवाब किया गया। संगठन में बदलाव को लेकर कांग्रेस आलाकमान की सहमति के बाद यह माना जा रहा है कि जल्द ही इसे लेकर नाम भेजे जाएंगे। प्रदेश प्रभारी ने भी पीसीसी अध्यक्ष को अधिकृत कर संगठन को मजबूती देने पर कार्य करने कहा है। नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव से पहले प्रदेश कांग्रेस के जिला बाडी में बदलाव को मूर्त रूप दिया जाएगा।

जिला स्तर पर संगठनात्मक ढांचे में भी फेरबदल

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने बदलाव के संकेत दे दिए हैं। कांग्रेस बड़े पैमाने पर जिला और ब्लॉक अध्यक्षों को बदलने पर विचार विमर्श कर रही है। साथ ही राज्य स्तरीय पदाधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है। विधानसभा, लोकसभा में जिन सीटों पर कांग्रेस को हार मिली है, वहां के जिलाध्यक्षों को साफ संकेत दे दिए गए हैं। साथ ही जिला स्तर पर संगठनात्मक ढांचे में भी फेरबदल होगा। प्राप्त सुझावों के आधार पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की कार्यकारिणी की बैठक में बदलाव पर अंतिम निर्णय होगा।