फरसगांव। नक्सलियों के खिलाफ बारिश में चलाये जा रहे अभियान में पुलिस को बड़ी सफलता मिल रही है। जहां एक ओर कोंडागांव पुलिस ने जबकसा पहाड़ी से बड़ी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद की है। वहीं दूसरी ओर बीजापुर में 7 नक्सली गिरफ्तार किये गए हैं। उधर सुकमा जिले के सुदूर ग्रामीण इलाके में नक्सलियों के भय व हिंसा के प्रतीक के रूप में बने वृहद स्मारक को हटाया गया।

गश्त पर निकले जवानों ने कैंप से जब्त किया सामान
कोंडागांव पुलिस धनोरा थाना क्षेत्र के घने जंगलों में गश्त के लिए निकली हुई थी। इस दौरान जवानों को जबकसा पहाड़ी में बड़ी संख्या में नक्सल सामान मिला। पुलिस ने तीर बम, कुकर बम और अन्य विस्फोटक सामान बरामद किया है।
सात नक्सली गिरफ्तार, तीन लाख के दो इनामी भी शामिल
नक्सल इलाके में चलाये जा रहे अभियान के तहत बीजापुर जिले में पुलिस ने तर्रेम थाना क्षेत्र के छुटवाई गांव में नदी के पास से एक महिला समेत सात नक्सलियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार नक्सलियों में तामो भीमा और उइका मंगारी उर्फ ज्योति भी शामिल हैं, जिन पर तीन लाख रुपये का इनाम था।

अधिकारियों ने बताया, “तमो भीमा, महिला कैडर उइका मंगारी उर्फ ज्योति और पांच अन्य को उस समय पकड़ा गया जब स्पेशल टास्क फोर्स, 21- CoBRA बटालियन, सीआरपीएफ की 153 बटालियन और स्थानीय पुलिस की एक टीम एक एंटी-नक्सल ऑपरेशन के लिए निकली थी।”
भीमा प्रतिबंधित माओवादी संगठन के प्लाटून नंबर 9 का सदस्य था और उस पर 2 लाख रुपये का इनाम था। ज्योति पर एक लाख रुपये का इनाम था। वह कोंडापल्ली आरपीसी (क्रांतिकारी पार्टी समिति) के तहत क्रांतिकारी महिला आदिवासी संगठन (केएएमएस) की अध्यक्ष थी।
नक्सली स्मारक को जवानों ने किया ध्वस्त
नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत अंदरूनी ग्रामीण क्षेत्रों में नक्सलियों के भय व हिंसा के प्रतीक के रूप में बने वृहद स्मारकों को हटाकर स्थानीय ग्रामीणों में भी नक्सलियों के विरुद्ध जागरूकता व क्षेत्र के माहौल को भय मुक्त बनाने का पूरा प्रयास किया जा रहा

इसी तारतम्य में थाना किष्टाराम के जिला पुलिस बल व डीआरजी की टीम के द्वारा ग्राम पालोडी के कासाराम के जंगलों में विगत कई वर्षों से स्थापित वृहद नक्सली स्मारक को ग्रामीणों के समक्ष ध्वस्त किया गया। इस गांव में नक्सलियों के रक्तपात, भय और हिंसा का प्रतीक बन चुके उक्त स्मारक को पुलिस व DRG की टीम के द्वारा ग्रामीणों के समक्ष ध्वस्त किया गया तथा ग्रामीणों को नक्सलियों के विरुद्ध जागरूक किया गया।
खूंखार नक्सली हिड़मा के गांव में खुला अस्पताल
सुकमा का पूवर्ती गांव जो कि, खूंखार नक्सली हिड़मा का पैतृक गांव है। कुछ समय पहले तक यह गांव दहशत से भरा हुआ था लेकिन कैंप लगने के बाद से यहां की तस्वीर भी बदलने लगी है। जवानों ने कैंप में ही फील्ड अस्पतास खोला है। यह फील्ड अस्पताल राज्य सरकार की ‘नियाद नेल्लनार’ योजना और एकीकृत विकास के रूप में खोला गया है।

राज्य पुलिस और सेंटर पैरा मिलेट्री फोर्स के अफसरों ने बताया कि, नक्सल प्रभावित जिलों के गांवों में चिकित्सा, राशन आउटलेट, स्कूल और बिजली आपूर्ति जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए ही पूवर्ती में जवानों ने अपने कैंप में फील्ड अस्पताल खोला है। इसके जरिए पूवर्ती और आसपास के गांव के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही हैं। यह अस्पताल इस क्षेत्र में सरकार और ग्रामीणों के बीच की खाई को कम करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।