रायपुर। छत्तीसगढ़ में 5000 पटवारी पिछले 10 दिनों से हड़ताल पर हैं। ऑनलाइन एप भुइयां में गड़बड़ी, संसाधनों की कमी समेत 32 सूत्रीय मांगों को लेकर पटवारी आंदोलन कर रहे हैं। इस हड़ताल की वजह से राजस्व विभाग के सभी काम ठप पड़े हुए है।

पटवारियों का कहना है कि सरकारी ऑफिस में ऑनलाइन कामों के लिए कंप्यूटर, इंटरनेट, प्रिंटर जैसी चीजों की सुविधा ही नहीं है। साथ ही ऑनलाइन काम के लिए शासन द्वारा किसी भी तरीके की कोई सुविधा नहीं दी जाती है। इसके अलावा, आवश्यक संसाधन और नेट भत्ता भी नहीं दिया जाता है।
पटवारियों का कहना है कि ऑनलाइन नक्शा बटांकन में संशोधन सीधे पटवारी की आईडी से होनी चाहिए, जो अभी नहीं होती है। जिला स्तर पर सहायक प्रोगामरों की पदस्थापना की जानी चाहिए. साथ ही, भूमि खरीद-बेच में रजिस्ट्री के साथ ही भुइंया पोर्टल पर भी इसे अपडेट किया जाना चाहिए। किसान की कर्ज लेने बैंक में काट लेने के बाद भी भुइंया पोर्टल में बंधक नहीं हटाया जाता है, उसे स्वतः हटाने का प्रावधान होना चाहिए।
इस हड़ताल के कारण प्रदेश में आय के 113540, मूल निवासी के 60501,अनुसूचित जाति के 46851,ओबीसी जाति के 47375 प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहे हैं। रायपुर जिले का आंकड़ा देखें तो 2208 आय, 2353 मूल निवासी, 600 एससीएसटी के जाति प्रमाण पत्र और 1688 ओबीसी के प्रमाण पत्र बनने को लंबित हैं।
जानिए, पटवारी संघ की कुछ प्रमुख मांगें
- आनलाइन कार्यों के लिए कंप्यूटर, स्कैनर सहित अन्य सामग्रियां
- आनलाइन नक्शा, बटांकन में आ रही समस्या का निराकरण
- जिला स्तर पर सहायक प्रोग्रामरों की पदस्थापना
- बंधक खसरों के विलाेपन की व्यवस्था
- दूसरे राज्य के लोगों की जाति के संदर्भ में संशोधन
- पटवारियों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई पर रोक
- डिजिटल सिग्नेचर के लिए हाेने वाले व्यय का भत्ता
- खाताधारकों के आधार नंबर की एंट्री में आ रही दिक्कतें दूर करने
- रजिस्ट्री के बाद नाम की भाषा में सुधार करने बावत
- नक्शा बटांकन में आ रही दिक्कतों के संदर्भ में