टीआरपी डेस्क। महाराष्ट्र की चर्चित ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर के विवाद के बीच गुजरात सरकार ने अपने स्तर पर राज्य के चार आईएएस अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू की है। बता दें कि गुजरात कैडर के इन सभी अधिकारियों ने विकलांगता सर्टिफिकेट के जरिए आईएएस कोटा हासिल किया है। इनमें तीन जूनियर और एक सीनियर लेवल का अधिकारी शामिल है।

बता दें कि महाराष्ट्र के पूजा खेडकर विवाद के बाद गुजरात सरकार भी इस मामले में काफी सतर्कता बरत रही है। प्रारंभिक जांच के बाद इन चार अधिकारियों को शॉर्टलिस्ट किया गया था। अब इनके विकलांगता प्रमाणपत्रों की जांच की जा रही है।
मिली जानकारी के अनुसार एक आईएएस अधिकारी का विकलांगता प्रमाण-पत्र के आधार पर चयन हुआ था। मगर जांच में फिलहाल अधिकारी में किसी प्रकार की विकलांगता नहीं है। किया गया था, लेकिन जांच के दौरान पता चला कि अधिकारी को फिलहाल कोई विकलांगता नहीं है।
फिलहाल गुजरात सरकार 4 अधिकारियों के विकलांगता प्रमाण-पत्रों की जांच कर रही है। सामान्य प्रशासन विभाग की जांच में अगर इन अधिकारियों के प्रमाण-पत्र फर्जी पाए जाते हैं सरकार इसकी रिपोर्ट यूपीएससी को देगी। जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
वहीं विवादित अधिकारी पूजा खेडकर की लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी मसूरी के एक पत्र के बाद वाशिम में ट्रेनिंग रोक दी गई। वह वाशिम से अपने घर के लिए रवाना हो गईं। उन्होंने कहा, मैं जल्द ही दोबारा वाशिम आऊंगी। बता दें कि पूजा को 23 जुलाई तक एकेडमी में उपस्थित होने का आदेश दिया है।
इन सभी विवादों के बीच संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के अध्यक्ष मनोज सोनी ने अपने कार्यकाल के 5 वर्ष पूरे होने के पहले ही अपना इस्तीफा कार्मिक विभाग को भेज दिया है। हालांकि उनका इस्तीफा अभी तक स्वीकार नहीं हुआ है। उनका कार्यकाल मई 2029 तक था।
उन्होंने निजी कारणों का हवाला देते हुए कहा कि वे इस्तीफे के बाद सामाजिक और धार्मिक कामों पर ध्यान देंगे। सोनी ने साफ किया कि उनके इस्तीके का पूजा खेडकर विवाद से कोई लेना देना नहीं है। इधर सोनी के इस्तीफे के बाद सियासत भी तेज हो गई है।