0 जांच रिपोर्ट में बताया- 50 करोड़ का हुआ नुकसान
0 जिम्मेदार अफसर-कर्मियों को जारी हुआ नोटिस

रायपुर। राजधानी रायपुर के गुढ़ियारी में पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के क्षेत्रीय भंडार गृह में कुछ माह पहले हुई आगजनी की जांच रिपोर्ट आने के बाद विभाग ने 8 अधिकारियों-कर्मियों को नोटिस जारी किया है। वहीं जब इस मामले में विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाया गया तब आनन-फानन में 3 को निलंबित करने की कार्यवाही की गई।

इन्हें किया गया निलंबित

अफसरों की जांच रिपोर्ट के आधार जिन्हें मुख्य रूप से जिम्मेदार मानते हुए निलंबित किया गया, उनमें उनमें कार्यपालन यंत्री अजय कुमार गुप्ता, स्टोर कीपर बंसत कुमार देवांगन और परिचालक अभिषेक अवधिया शामिल हैं। इनके अलावा कार्यपालन यंत्री अमित कुमार, सहायक यंत्री दिनेश कुमार सेन, कनिष्ठ यंत्री अभिषेक गहरवार, सहायक यंत्री नवीन एक्का और कनिष्ठ यंत्री नरेश बघमार को भी नोटिस जारी किया गया है। बता दें कि निलंबन की यह कार्रवाई विधानसभा का सत्र शुरू होने के ठीक एक दी पहले तब की गई जब किसी सदस्य ने इस मामले में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाया। हालांकि यह मामला सदन में चर्चा में नहीं लाया जा सका, मगर इसे लेकर CSEB में खलबली मची और जांच रिपोर्ट के आधार पर 3 लोगों को निलंबित किया गया।

घटना में जल गए हजारों ट्रांसफार्मर

गुढ़ियारी में पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के क्षेत्रीय भंडार गृह में बीते पांच अप्रैल 2024 को आग लगी थी। रिपोर्ट में बताया गया कि आग से 7251 ट्रांसफार्मर, और स्क्रैप के सामान जल गए। इससे 50 करोड़ 22 लाख का नुकसान हुआ। आग इतनी भयंकर थी कि गुढ़ियारी इलाका आग की चपेट में आ सकता था, और पूरे शहर की बिजली व्यवस्था चौपट हो सकती थी। मगर दो दिन तक आग बुझाने के लिए चलाए गए प्रयासों से जनहानि आदि को टाला जा सका।

जांच कमेटी में इन्हें किया गया था शामिल

सीएम विष्णुदेव साय ने घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए थे। जांच में मौजूदा एमडी (तत्कालीन ईडी) भीम सिंह कंवर, ईडी संदीप वर्मा, एडिशनल सीई यशवंत शिलेदार, एजीएम गोपाल मूर्ति, मुख्य सुरक्षा अधिकारी एश्रीनिवास राव और एसई डीडी चौधरी जांच कमेटी के सदस्य थे।

लापरवाह अफसर-कर्मियों को ठहराया जिम्मेदार

रिपोर्ट में साफ-साफ कहा गया कि भंडार गृह के अफसर, और कर्मचारियों की लापरवाही की वजह से आग लगी। यह भी कहा गया कि आग बुझाने के लिए कोई सार्थक प्रयास नहीं किया गया। आग लगने के समय स्टोर का कोई भी नियमित कर्मचारी उपस्थित नहीं था। यह बताया गया कि घटना के दिन सुबह 6 बजे से 2 बजे तक ही शिफ्ट नियमित कर्मचारी अभिषेक अवधिया की ड्यूटी थी, लेकिन वह भी किसी को सूचित किए बिना अनुपस्थित हो गया। अफसरों-कर्मियों के बयानों से पता चलता है कि स्टोर परिसर में उगी हुई घास, झाड़ियों की नियमित कटाई और कटी हुई घास-झाड़ियों का निस्तारण नहीं होने के कारण दुर्घटना घटी।

सुरक्षा कर्मियों ने भी नहीं दिखाई सजगता

रिपोर्ट में बताया गया कि सुरक्षा सैनिकों को प्रारंभिक समय में सजग रहते हुए आग बुझाने के लिए उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करना चाहिए था, लेकिन उनके द्वारा कोई सार्थक प्रयास नहीं किया गया। यह कहा गया कि आग लगने के प्रारंभिक समय पर आग बुझाने के उचित प्रयास नहीं होने से आग फैली, और आग बुझाने के लिए उपलब्ध संसाधनों का तुरंत उपयोग नहीं करने पर आग बेकाबू हो गई। कार्यपालन यंत्री स्टोर, स्टोर कीपर, नियमित कर्मचारी अवधिया के अलावा सुरक्षा सैनिक व सुरक्षा एजेंसी घटना के जिम्मेदार हैं।

बहरहाल इस मामले में जो रिपोर्ट पेश की गई है, उसके आधार पर कुछ और लोगों तथा सुरक्षा एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई की उम्मीद जताई जा रही है, वहीं इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए जो सुझाव दिए गए हैं उस पर अमल किये जाने की उम्मीद है।