कोलकाता। आरजी कर मेडिकल कॉलेज जहां हुई घटना ने पूरे उद्वेलित कर दिया, अब यहां की सुरक्षा व्यवस्था केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के सुपुर्द कर दी गई है। यहां सीआईएसएफ के 151 जवान तैनात होंगे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद CISF ने अपने जवानों को कोलकाता भेजा है।
इस संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक पूरी तैनाती सहायक कमांडेंट रैंक के एक अधिकारी के अधीन होगी, जिनकी सहायता निरीक्षक रैंक के तीन अधिकारी करेंगे। हालांकि, राज्य सरकार के एक अंदरूनी सूत्र ने कहा कि इस बात को लेकर थोड़ा भ्रम बना हुआ है कि अस्पताल में सीआईएसएफ की तैनाती का खर्च कौन उठाएगा। पूरी संभावना है कि राज्य सरकार को लागत वहन करनी होगी।
यह एक सामान्य प्रथा है। यहां तक कि जब चुनावों के दौरान विभिन्न राज्यों में सीएपीएफ तैनात किए जाते हैं, तो इसका खर्च संबंधित राज्य सरकारें वहन करती हैं। सीआईएसएफ ने बुधवार को तैनाती की तैयारी शुरू कर दी थी, इसके उप महानिरीक्षक के. प्रताप ने अस्पताल अधिकारियों के साथ-साथ कोलकाता पुलिस के शीर्ष अधिकारियों के साथ कई बैठकें कीं। यह पता चला है कि जहां सीआईएसएफ कर्मी मुख्य रूप से अस्पताल परिसर के भीतर आंतरिक स्तर की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार होंगे, वहीं बाहरी सुरक्षा – अस्पताल गेट के बाहर – कोलकाता पुलिस के पास रहेगी।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर की गई तैनाती
सीआईएसएफ की तैनाती सुप्रीम कोर्ट के एक निर्देश के बाद की गई है। शीर्ष अदालत ने अस्पताल परिसर में एक महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मद्देनजर किसी भी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के कर्मियों की तैनाती का आदेश दिया था। आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक असिस्टेंट कमांडेंट, तीन इंस्पेक्टर, तीन सब इंस्पेक्टर, 38 हेड कांस्टेबल 68 कांस्टेबल की ड्यूटी लगाई गई है।
सुको की अपील के बाद डॉक्टरों हड़ताल खत्म
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 9 अगस्त को हुए ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर केस में आज (22 अगस्त) सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जिसके बाद AIIMS के डॉक्टरों ने 11 दिन से चल रही हड़ताल खत्म कर दी है।
इससे पहले CJI ने कहा था कि डॉक्टर काम पर लौट आएं। अस्पतालों की स्थिति जानता हूं। मैं खुद एक सरकारी अस्पताल के फर्श पर सोया हूं, जब मेरे परिवार का एक सदस्य बीमार था। वापस आने के बाद आप पर कोई एक्शन नहीं लिया जाएगा
सुरक्षा इंतजाम के लिए राज्यों को निर्देश
CJI ने कहा कि हमें बताया गया कि डॉक्टर काम पर वापस जाने के लिए तैयार हैं। राज्य सरकारें डॉक्टरों के लिए कुछ सुरक्षा इंतजाम कर सकती हैं। हम केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय निर्देश देते हैं कि वे राज्य के मुख्य सचिवों और DGP के साथ मिलकर सुरक्षा सुनिश्चित करें। यह एक्सरसाइज 1 हफ्ते में पूरी हो जानी चाहिए। राज्य 2 हफ्ते के अंदर इसे लागू करें।