रायपुर। “पहला धन स्वास्थ्य है” – यह उद्धरण इस बात पर जोर देता है कि अच्छा स्वास्थ्य वह आधार है जिस पर हमारे जीवन के अन्य सभी पहलू निर्मित होते हैं। स्वास्थ्य शिविरों का उद्देश्य स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों और उनकी रोकथाम के उपायों के बारे में जागरूकता फैलाना है।

कलिंगा विश्वविद्यालय ने उर्मिला मेमोरियल हॉस्पिटल, रायपुर के सहयोग से विद्यार्थियों और विश्वविद्यालय के सभी कर्मचारियों के लाभार्थ एक दिवसीय निःशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया। चिकित्सा शिविर का आयोजन विश्वविद्यालय परिसर में छात्र कल्याण विभाग की डीन लेफ्टिनेंट विभा चंद्राकर की देखरेख में और टीम के सदस्यों के सहयोग से किया गया।

निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर का उद्घाटन कलिंगा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आर. श्रीधर ने किया, साथ ही टीम के अन्य सदस्यों में कुलानुशासक डॉ. ए. विजयानंद, प्रभारी छात्र कल्याण अधिष्ठाता- लेफ्टिनेंट विभा चंद्राकर, छात्र कल्याण के उप अधिष्ठाता – शेख अब्दुल कादिर, सहायक छात्र कल्याण अधिष्ठाता- निकिता जोशी, स्टाफ नर्स- सुमन चौहान, स्टाफ नर्स- कुलदीप सिंह, और अन्य शामिल थे। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों तरह के छात्रों की सक्रिय भागीदारी देखी गई।

उर्मिला मेमोरियल अस्पताल की मुख्य कार्यकारी अधिकारी- डॉ. संज्ञा श्रीवास्तव, कॉरपोरेट हेड- राजेश दुबे और मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव- चंद्रकांत गुप्ता के नेतृत्व में उर्मिला अस्पताल की मेडिकल टीम के साथ नर्सिंग स्टाफ के सदस्य थुपेंद्राय, सोनामणि, गीतेश्वरी, सोमनाथ और दिनेश शामिल थे।

शिविर में 150 से अधिक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय छात्रों और कर्मचारियों ने भाग लिया और लाभ उठाया। शिविर में रक्तचाप की जांच, शुगर लेवल टेस्ट, इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी), पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट (पीएफटी) और पुरुषों के लिए मूत्र प्रवाह परीक्षण (यूएफटी) जैसे परीक्षण शामिल थे।
उर्मिला मेमोरियल अस्पताल के निदेशक डॉ. विनोद कुमार सिंह और हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. जिनेश कुमार जैन ने कार्यक्रम के दौरान संवादात्मक प्रस्तुतियाँ दीं, जिसमें 120 से अधिक सदस्यों ने भाग लिया। डॉ. जैन ने पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से हृदय की देखभाल के बारे में विस्तृत जानकारी दी और सत्र के दौरान संकाय सदस्यों ने अपनी जिज्ञासाओं का समाधान किया।

छात्र कल्याण की प्रभारी अधिष्ठाता- लेफ्टिनेंट विभा चंद्राकर और कुलानुशासक- डॉ. ए. विजयानंद ने सहयोगात्मक प्रयास की सराहना की और समुदाय की भलाई के लिए विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। डॉ. ए. विजयानंद द्वारा चिकित्सा टीम को एक स्मृति चिन्ह भेंट किया गया।

कलिंगा विश्वविद्यालय ऐसी पहलों के माध्यम से अपने छात्रों और कर्मचारियों के स्वास्थ्य और कल्याण को प्राथमिकता देता रहा है, तथा एक पोषणकारी और सहायक शैक्षणिक संस्थान के रूप में अपनी भूमिका को सुदृढ़ करता रहा है।