रायपुर। तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसादम में जानवरों की चर्बी और मछली के तेल की मिलावट के विवाद ने देशभर में चर्चा छेड़ दी है। इसके बाद कई मंदिरों ने बाहरी प्रसाद पर बैन भी लगा दिया है। अब इस संदर्भ में डोंगरगढ़ के मंदिरों में भी प्रसाद की गुणवत्ता की जांच के आदेश दिए गए हैं।

खाद्य एवं औषधि विभाग ने निर्देश जारी करते हुए कहा है कि मंदिरों के प्रसाद का सैंपल लिया जाएगा और उसकी गुणवत्ता की जांच की जाएगी। नवरात्रि के दौरान देवभोग घी का उपयोग प्रसाद में किया जाएगा ताकि भक्तों को शुद्ध और सुरक्षित प्रसाद मिल सके।

तिरुपति मंदिर में प्रसाद विवाद के बाद यह कदम उठाया गया है। इसी के साथ, लखनऊ के प्रसिद्ध मनकामेश्वर मंदिर में भी बाहरी प्रसाद पर प्रतिबंध लगाया गया है। अब भक्त केवल घर के बने प्रसाद और ड्राई फ्रूट का ही भोग अर्पित कर सकेंगे।