बिलासपुर। देशभर में सक्रिय साइबर ठग हर बार कोई नया तरीका अपनाकर लोगों को चूना लगा रहे हैं। इन दिनों डिजिटल अरेस्ट या फिर पुलिस में FIR दर्ज होने का झांसा दिखाकर पढ़े-लिखे लोगों को बेवकूफ बनाया जा रहा है। ताजा मामला एक महिला डॉक्टर से जुड़ा हुआ है, जिसे उसके पार्सल में ड्रग होने का भय दिखाकर बड़ी रकम की ठगी कर ली गई।

साइबर ठगों ने इस तरह लिया झांसे में

पुलिस के मुताबिक, लिंक रोड, मित्र विहार कालोनी, बिलासपुर निवासी बिशाखा डे सक्ती जिले के हसौद में निजी हॉस्पिटल में डाॅक्टर हैं। बीते 12 सितंबर को उनके मोबाइल में अज्ञात व्यक्ति ने स्वयं को मुंबई पार्सल आफिस का कर्मचारी बताते हुए कहा कि एक पार्सल मुंबई से दुबई के लिए बुक किया गया था, वह पार्सल कैंसल हो गया व उसमें पुलिस की वर्दी, एटीएम कार्ड, कीटामिन नामक ड्रग्स मिला है। इसे मुंबई कस्टम डिपार्टमेंट ने जब्त कर लिया है। उसने यह भी बताया कि उक्त पार्सल पर डाॅ. डे का आधार कार्ड, मोबाइल नम्बर व पता है। इस पर डाॅ. डे ने पार्सल के बारे में जानकारी नहीं होने की बात कही। तब उन्हें कहा गया मामला सीबीआई को सौंप दिया गया है।

फर्जी CBI अफसर ने फोन कर धमकाया

इसके बाद सीबीआई अफसर बनकर उन्हें किसी दूसरे शख्स ने फोन किया और सामान व बैंक एकाउंट की जांच करने की बात कही। बिशाखा को कहा गया कि वह एकाउंट में जमा रकम उनके बताए गए बैंक खाते में भेजे, जिसे जांच के दो घंटे बाद वापस कर दिया जायेगा। ठगों ने इस ढंग से बात की कि डाॅ. डे ने डर के मारे अपने एकाउंट में जमा 61 लाख 93 हजार 720 रुपए रुपए बताए गए बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिया, लेकिन जब दो घंटे बाद भी पैसा वापस नहीं आया, तब उन्होंने मोबाइल नंबर पर कॉल किया तो मोबाइल बंद बताया। अब जाकर उन्हें ऑनलाइन ठगी का अहसास हुआ। इसके बाद उन्होंने साइबर थाना पहुंचकर मामले की शिकायत की।

इस मामले में जिले की साइबर पुलिस ने तत्काल जांच शुरू कर दी है। अमूमन ऐसे मामले में पुलिस ठगों तक पहुँच जाती है और उसे गिरफ्तार भी कर लेती है, मगर ठगी की रकम जब्त करना मुश्किल हो जाता है। इन दिनों ज्यादातर ठग वसूली गई रकम को डिजिटल करेंसी में लगा देते हैं, खासकर क्रिप्टोकरेंसी में जिसमें से रकम हासिल करना बेहद मुश्किल होता है।