रायपुर। धान और चावल के भंडारण में गड़बड़ी के मामले में मेसर्स मंगल राइस मिल पर बड़ी कार्रवाई की गई है। जिला स्तर पर गठित जांच समिति द्वारा चितमारपारा, पटना स्थित राइस मिल का भौतिक सत्यापन किया गया, जिसमें भंडारण में धान और चावल की कोई मात्रा नहीं पाई गई। साथ ही, राइस मिल की संचालिका कमला ठाकुर भारतीय खाद्य निगम (FCI) और नागरिक आपूर्ति निगम (NAN) में निर्धारित चावल की मात्रा जमा करने में विफल रहीं। इस लापरवाही के चलते कोरिया कलेक्टर चंदन त्रिपाठी के निर्देश पर राइस मिल को तीन साल के लिए ब्लैकलिस्ट करते हुए FIR दर्ज कराया गया।

पहले भी ब्लैकलिस्टेड हो चुकी है राइस मिल

यह पहली बार नहीं है जब मेसर्स मंगल राइस मिल को ब्लैकलिस्ट किया गया है। इससे पहले भी छत्तीसगढ़ कस्टम मिलिंग चावल उपार्जन आदेश 2016 के उल्लंघन के कारण राइस मिल को दो वर्षों के लिए काली सूची में डाला गया था। इस बार फिर से नियमों की अवहेलना के कारण मिल पर सख्त कार्रवाई की गई है।

धान और चावल के स्टॉक में भारी कमी

मिल द्वारा 3,895 मैट्रिक टन धान उठाया गया था, जिसके विरुद्ध FCI/NAN में केवल 28.98 मैट्रिक टन चावल जमा किया गया। भंडारण के भौतिक सत्यापन के दौरान जांच टीम ने पाया कि स्टॉक में कोई धान या चावल नहीं है। यह मामला छत्तीसगढ़ कस्टम मिलिंग चावल उपार्जन आदेश 2016 के नियमों का उल्लंघन है और इसे गंभीर अपराध माना गया है।

FIR और ब्लैकलिस्टिंग के साथ वित्तीय वसूली

जांच के बाद, जिला विपणन अधिकारी ने संचालिका कमला ठाकुर के खिलाफ धान की अफरा-तफरी के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराई। साथ ही, मिल की अमानत राशि को भी जब्त कर लिया गया है। इसके साथ, मेसर्स मंगल राइस मिल को आगामी तीन वर्षों तक किसी भी सरकारी प्रक्रिया में भाग लेने से रोक दिया गया है।

मिल की संचालिका पर कस्टम मिलिंग नीति 2023-24 के तहत भी कई शर्तों का उल्लंघन करने का आरोप है।