बिजनेस डेस्क। भारतीय शेयर बाजार में गुरुवार, 3 अक्टूबर को बड़ी गिरावट देखी गई। प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स 1800 अंक से अधिक गिरकर 82,455 पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी 554 अंक की गिरावट के साथ 25,250 पर बंद हुआ। यह निफ्टी की दो महीने में सबसे बड़ी गिरावट है।

इस भारी गिरावट के पीछे कई कारण हैं, जिनमें ईरान और इज़रायल के बीच बढ़ता तनाव, कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें, सेबी द्वारा एफएंडओ नियमों में सख्ती, और चीनी शेयरों में संभावित सेलिंग शामिल हैं। मिडिल-ईस्ट में ईरान-इज़रायल संघर्ष के चलते तेल आपूर्ति बाधित होने की आशंका ने वैश्विक निवेशकों को चिंतित कर दिया है।
प्रमुख सेक्टर्स में गिरावट
- रियल्टी सेक्टर में 4.5% की गिरावट आई।
- ऑटो, बैंक, मीडिया, कैपिटल गुड्स, और ऑयल एंड गैस इंडेक्स में 2-3% की कमी देखी गई।
- बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में भी 2% की गिरावट आई।
मार्केट कैप में भारी कमी
इस गिरावट के साथ बीएसई पर लिस्टेड सभी कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण (MCap) 11 लाख करोड़ रुपए घटकर 464.3 लाख करोड़ रुपए रह गया।
- भारतीय बाजार के बड़े शेयरों जैसे रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा, एलएंडटी, और भारती एयरटेल में बड़ी गिरावट आई।
- निफ्टी ऑयल एंड गैस इंडेक्स में 1.2% की कमी आई, जिसमें हिंदुस्तान पेट्रोलियम, आईओसी, और जीएसपीएल प्रमुख गिरावट वाले शेयर रहे।
- भारत पेट्रोलियम (BPCL) में सबसे ज्यादा 5.28% की गिरावट आई। इसके बाद L&T, मारुति, टाटा मोटर्स, श्रीराम फाइनेंस, एक्सिस बैंक, और एशियन पेंट्स में भी 4% से अधिक की कमी आई।
स्थायी राहत की उम्मीद
दुनिया भर में बढ़ते तनाव और आर्थिक चुनौतियों के बीच, निवेशकों के लिए स्थायी राहत के संकेत अभी नजर नहीं आ रहे हैं। हालांकि, जेएसडब्ल्यू स्टील और ओएनजीसी के शेयरों में मामूली बढ़त देखी गई।