रायपुर। कृषि विभाग पर शिवसेना ने अधिकारियों की मिलीभगत से व्यापक भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। सेना के प्रदेश महासचिव चंद्रमौली मिश्रा ने बताया कि पंजीकृत बीज उत्पादक सहकारी समिति एवं कल्याण समितियों की ओर से किसानों के अुनदान का करोड़ों रूपए का भ्रष्टाचार कर गबन किया जा रहा है।
विभाग पर आरोप लगाते हुए यह कहा गया कि, प्रदेश में पंजीकृत बीज उत्पादक सहकारी समिति एवं कल्याण समिति बीज उत्पादन कार्यक्रम के तहत कागजों में ही फर्जी बीज उत्पादन दिखाकर उस बीज को पास करवाकर, किसानों को फर्जी वितरण दिखाया जा रहा है। साथ ही कृषि विभाग के अधिकारियों से सांठ-गांठ कर सूची प्रमाणित करवाकर बीज उत्पादन एवं बीज वितरण अनुदान में फर्जी तरीके से अनुदान राशि संबंधित उप संचालक कृषि के माध्यम से आहरित करवाकर शासन को गंभीर आर्थिक नुकसान पहुंचाया जा रहा है। इसमें बीज प्रमाणीकरण संस्था के अधिकारियों की भूमिका संदेहास्पद है। इसकी जांच होनी चाहिए।
प्रदेश के कई जिले, जहां बीज उत्पादक सहकारी समितियां पंजीकृत है, उनके द्वारा जिले के किसानों का पंजीयन बीज उत्पादन कार्यक्रम के तहत करवाकर फर्जी तरीके से कागजो में ही बीज उत्पादित मात्रा दिखाकर बीज का फर्जी सेम्पल बीज प्रमाणीकरण संस्था के अधिकारियो से सांठ-गांठ करके पास करवाकर पास मात्रा को किसानों को कागजों में ही बीज वितरण किया जाना दिखाकर सूची बनाकर उप संचालक कृषि के माध्यम से करोडों रूपयों का फर्जी अनुदान निकाला जा रहा है। ऐसा प्रदेशभर की लगभग समितियां कर रही हैं।
इन समितियों की जांच उच्च स्तरीय कमेटी से कराई जानी चाहिए। शिव सेना यूबीटी ने पूर्व में कृषि विभाग के संचालक से जांच की मांग की थी लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ। हम मांग करते है कि प्रदेशभर की पंजीकृत बीज उत्पादक सहकारियों समितियों के माध्यम से हुए सभी अनुदान प्रकरण की सुक्ष्म जांच कराई जाए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही अनुदान निकालने वाले अधिकारियों को जांच से दूर रखा जाए और संबंधित उप संचालक कृषि द्वारा प्रस्तुत समस्त अनुदान दस्तावेज को बीज प्रमाणीकरण संस्था के दस्तावेज से मिलान करने के बाद हुए भ्रष्टाचार पर कड़ी कार्यवाही कर किसानों की अनुदान राशि को उनके खातों में डीबीटी के माध्यम से भेजा जाए। शिव सेना यूबीटी ने पूरे प्रकरण की सूक्ष्म जांच की मांग की है।